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अध्याय 33 - मसीही माता-पिता ककेप 201

जब पिता परिवार के पुरोहित और माता’’होम मिशनरी ‘’को नाईं अपने कौटुम्बिक कर्तव्यों का पालन करें, तो घर के बाहर भी सुकार्य करने वालों की गिनती बढ़ती जावेगी.ज्यों-ज्यों अपनी सामर्थ्य में वृद्धि हो त्यों-त्यों आप मण्डली एवं पड़ोस में सेवा करने के लिए सुयोग्य बनते जावेंगे.बालकों का संगठन माता-पिता के साथ होकर परमेश्वर से हो तो माता-पिता और बालक परमेश्वर के साथ सहकर्मी होंगे. ककेप 201.1