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परमेश्वर के कार्य को प्रथम स्थान देना ककेप 216

क्या ही उत्तम हो कि हमारा अवकाश दिवस परमेश्वर के लिए व्यतीत किया जावे जिसमें हमारे मन और ध्यान हमारे साथ उसके व्यवहार के ऊपर मनन करने में लगेंगे ! क्या यह उत्तम न होगा कि हम उसकी पिछली आशीषों पर विचार करें?हम उन चितावनियों पर विचार करें जो हमारी आत्माओं को मिली है ताकि हम परमेश्वर को न भूलें. ककेप 216.5

संसार में कई ऐसे अवकाश दिवस हैं जिन में लोग खोल, घुड़दौड़,जुआ, धुम्रपान और मद्यपान में व्यतीत करते हैं. ककेप 217.1

क्या ईश्वर भक्तों के लिए यह उपयुक्त नहीं कि वे समय-समय पर एकत्रित होकर परमेश्वर की असीम आशीषों के लिए उसे धन्यवाद दें. ककेप 217.2

हमें कलीसिया में ऐसे लोगों की आवश्यकता है जो युवक-युवतियों का संगठन करके उन्हें निर्माण मनुष्यत्व की आवश्यकताओं की पूर्ति कर सकें. हमें तो अपने जीव पोषण के लिए काम करना है इस कारण हम सब के लिए तो यह सम्भव न हो सकेगा कि अपना सम्पूर्ण समय दें,तोभी कुद लोगों के पास कुछ छुट्टियाँ हैं जिन को वे ऐसे भले कार्यों में लगा सकते हैं यदि वे रुपये पैसे में से बहुत कुछ न दे सकें. ककेप 217.3

जब आप को अवकाशब उसे दिवस मिले तब उसे अपनी सन्तान के मनोरंजन एवं पीड़ितों के कष्ट निवारण में लगाइए.मसीह यीशु को धन्यवाद बलि की भेंट चढाए बिना उस दिन को समाप्त न होने दीजिए. ककेप 217.4