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कपड़े पहनने के ढंग का प्रभाव ककेप 240

कपड़ो के प्रेम से नैतिक पतन होता,तथा यह हमारी मसीही महिलाओं को सादगी और संयम के विपरीत बना देता है.दिखावटी और अशिष्ट पहिराव पहिनने वाले के हृदय में बुरी कामनायें तथा देखने वाले के हृदय में अशुद्ध विचार जाग्रत होते हैं.ईश्वर चालचलन के इस बिगाड़ को देखता है तथा उनसे उत्पन्न घमंड और वस्त्रों को व्यर्थता को निहारता है वह कीमती वस्त्रों द्वारा भलाई करने की इच्छा पर कुठाराघात देखते हैं. ककेप 240.2

मेरी सलाह मेरो नौजवान बहिनों को साधारण,स्वच्छ कपड़े पहनने की है.दूसरों को प्रकाश देने के लिए साधारण कपड़े से अच्छा और कोई दूसरा तरीका नहीं.आप सब लोगों को बना सकते हैं कि अनन्त बातों के मुकाबले में आप इसी जीवन की बातें उन्हें अच्छी तरह दिखा सकें. ककेप 240.3

बहुत से, विश्वासियों पर प्रभाव डालने के लिए संसार के अनुसार कपड़े पहनने में गलती करते हैं यदि वे सच्चा और वास्तविक प्रभाव दूसरों पर डालना चाहते हैं तो अपने बुलाये जाने के योग्य चलें तथा अपने विश्वास का परिचय धार्मिक कार्यों से दें और मसीही तथा संसार के लोगों के बीच शब्दों,कपड़ों और कार्यों की भिन्नता दिखाकर जीवते परमेश्वर के विषय में साक्षी दें. तब एक पवित्र प्रभाव उनके चारों ओर दिखाई पड़ेगा और अविश्वासी उस ज्ञान के द्वारा जानेंगे कि ये मसीह के साथ रहे हैं.यदि सचमुच में वे अपने प्रभाव सत्य के पक्ष में डालना चाहते हैं तो अपने विश्वास के अनुसार चलकर विनीत मसीह का अनुकरण करें. ककेप 240.4

मेरी बहनों हर प्रकार के बुराई की शक्ल से बचे रहो अगर आप सशत्र न हो तो इस बुरे युग में जब बुराई बढ़ रही है. आप सुरक्षित नहीं रह सकती.सदगुण और सतीत्व का अभाव है.मैं मसीह के अनुयायी जो विश्वास की समुन्नत करते हैं यह विनती करती हूँ कि आप सतीत्व के अनमोल रत्न की सुरक्षा कीजिए यह आप के सद्गुण की रक्षा करेगा. आप के वस्त्रों में सादगी,सादगी,शिष्टता से मिलकर एक नवयुवती के चारों ओर ऐसा सुन्दर पवित्र वातावरण निर्माण करेगी कि वह हजारों खतरों से बच सकेगी एक बुद्धिमान स्त्री के लिए सादगी के कपड़े ही सब से लाभ सिद्ध होंगे. सादगी से मसीहियों की तरह कपड़े पहनिए और ऐसा सिंगार कीजिए जो भली स्त्रियों को सुहाए तथा अच्छे कार्यों सहित हो. ककेप 240.5

बहुत से आशिष्ट फैशनों के द्वारा, कृत्रिम सौंदर्यता से आकर्षित होकर स्वभाविक सादगी का मजा खो बैठते हैं.वे समय और पैसा खत्म करते बुद्धि और आत्मा की सच्ची उन्नति को इस फैशन प्रसन्द - जीवन से बिगाड़ देते हैं. ककेप 241.1

प्रिय नव युववितों, तुम्हारे फैशन के अनुसार कपड़ों की चाहना तथा लेस और कृत्रिम स्वर्ग चान्दी के आभूषण,दूसरों पर उस सत्य और धर्म को प्रगट नहीं करते हैं जिसे तुम मुंह से कहती हो.विवेकी लोग आप की इस बाहरी सुन्दरता और बनावटी सजधज को आप के घमंडी हृदय और मस्तिष्क की निर्बलता ही समझेंगे. ककेप 241.2

ऐसा वस्त्र है जिसे बालक और जवान दोनों ही प्राप्त करने की इच्छा रखेंगे.यह सन्तों की धार्मिकता है यदि वे इसको प्राप्त करने का भरसक प्रयत्न करें जैसा वे सांसारिक समाज के फैशन वाले वस्त्रों को पाना चाहते हैं तो वे शीघ्र ही मसीह की धार्मिकता को पहिन लेंगे और उनका नाम जीवन की पुस्तक से नहीं काटा जाएगा. माताओ, जवानों और बालको को यह प्रार्थना करनी चाहिए कि “हे परमेश्वर,मेरे अन्दर शुद्ध मन उत्पन्न कर, और मेरे भीतर स्थिर आत्मा नये सिरे से उत्पन्न कर.’’(भजन संहिता 51:10)यह हृदय की पवित्रता और आत्मा की सदर्यता सोने से अधिक कीमती है इस समय और अनन्त काल के लिए भी केवल वे ही ईश्वर को देखेंगे जिनके मन शुद्ध हैं. ककेप 241.3