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बालको के साथ सच्ची विश्वास योग्यता का महल ककेप 256

माता-पिता को सत्यता का आदर्श बनाना चाहिए क्योंकि बालक के हृदय को प्रभावित करने वाला यह दैनिक पाठ है.जीवन के हर पहलू में विशेषकर बालकों की शिक्षा में निश्चल सिद्धान्त माता-पिता के शासन कर्ता हैं. “बालक के कार्य पवित्र अथवा सही हैं.वह अपने कार्यों हो से पहिचाना जाता है.” ककेप 256.1

एक माता जिसमें दूरर्शिता का अभाव है जो परमेश्वर के मार्गदर्शन का अनुकरण नहीं करती उनको ऐसी शिक्षा देगी कि वे धोके बाज और कपटी बन जावें.वे स्वाभाविक गुण जिनसे अनुराग है अन्त में इतने परिपक्व हो जाते हैं कि झूठ बोलना इतना प्राकृतिक बन जाता है जैसे साँस लेना;ईमानदारी और सच्चाई का स्थान छल ले लेगा. ककेप 256.2

यह अति आवश्यक है कि माता के जीवन की प्रत्येक बात में ईमानदारी का व्यवहार हो.यह भी महत्वपूर्ण है कि बच्चों अथवा तरुणों को शिक्षा दी जावे कि किसी भी छोटी बात में किसी प्रकार छल झूठ का स्थान न दिया जावे. ककेप 256.3