Go to full page →

मंडली का अध्यक्ष उपदेश को व्यवहार में लाये ककेप 110

आप को हर समय अपनी बात में सावधान होना चाहिये.क्या परमेश्वर ने आप को पृथ्वी पर अपना प्रतिनिधि होने को बुलाया है कि उसके स्थान पर पापियों से विनय करें कि परमेश्वर से मेल मिलाप कर लो-यह एक पवित्र उच्च कोटि का कार्य हो,जिस समय आप(पुलपिट )मंड पर की व्याख्यान समाप्त करते हैं उसी समय आप के काम का आरम्भ होता है.जब मीटिंग से बाहर हों तो आप अपने दायित्व से मुक्त नहीं हो गये हैं परन्तु फिर भी प्राणों को बचाने के लिये अपने समर्पण को कायम रखिये. आपको एक जीवित पत्री होना चाहिये जिसे सब लोग जानते और पड़ते हैं. ककेप 110.1

विश्राम की युक्ति न सोचो जाय. सुखचैन को ख्याल में न चाहिये.प्राणों का वचन सर्वमहत्वपूर्ण विषय है. इस काम के लिये मसीह के सुसमाचार का अध्यक्ष बुलाया गया है. उसको मीटिंग से बाहर सुभ कार्य करने चाहिये और व्यवसाय को धार्मिक बातचीत और सचेत चरित्र से विभूषित करना चाहिये. आप को उन सिद्धान्तों को अपने जीवन में प्रत्यक्ष कर के दिखलाना चाहिये जिन का आप दूसरों के सामने प्रचार करते हैं और अपने ऊपर काम का भार तथा दायित्व का बोझ जो प्रत्येक अध्यक्ष के कंधों पर होना चाहिये इस प्रकार लें जैसे पहिले कभी नहीं लिया था, जो उपदेश मंच पर दिया गया था उसकी निजी कार्य को जारी रख कर पुष्टि कीजिए.वर्तमान सत्य के विषय में सावधानी के साथ वार्तालाप में व्यस्त होकर श्रोतागणों की मानसिक स्थिति को निष्पक्षता से निश्चय कर लें और परमेश्वर का भय मानकर महत्वपूर्ण सत्य का सहयोगियों को परिस्थिति पर व्यवहार कीजिए. ककेप 110.2