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एकता पैदा करने का उदाहरण ककेप 129

कई साल गुजरे जब मसीह के शीघ्र आगमन पर विश्वास रखने वालों का झुंड बहुत छोटा था,पशप मेन के सब्बत मानने वाले भाई श्री कब्रिच हालैंड के घर के बड़े रसोईघर में आराधना के लिए एकत्र हुए.एक सब्बत की सुबह को भाई हालैंड गैर हाजिर थे.इस बात पर हमें आश्चर्य हुआ क्योंकि वह हमेशा समय पर उपस्थित हुआ करते थे.शीघ्र ही वह अंदर आए. उनका चेहरा परमेश्वर की महिमा से चमक रहा था. उन्होंने कहा, ‘‘ भाइयों मुझे मालूम हो गया. मैं ने मालूम कर लिया कि हम एक काम कर सकते हैं जिस के प्रति परमेश्वर का वचन आश्वासन दिलाता है,’‘ ‘’तुम कभी नहीं गिरोगे, मैं आप को उसका वर्णन करने जा रहा हूँ.’‘ ककेप 129.5

तब उन्होंने बतलाया कि मैंने देखा कि एक भाई,जो एक गरीब मछुवा है अपने दिल में सोच रहा है कि उसका ऐसा आदर नहीं होता है जैसा होना चाहिए और भाई हालैंड और दूसरे भाई लोग अपने को उससे ऊँचा समझते हैं.यह सच बात नहीं थी पर यह बात उसको आँचो और कई हफ्तों से वह मीटिंग में नहीं आया.सो भाई हालैंड उसके घर गया, उसके सामने घुटने टेके और कहा,उस पुरुष ने उसकी भुजा पकड़ी और उसको पावों पर खड़ा किया.’’नहीं’‘ भाई हालैंड ने कहा;” आप को मेरे विरुद्ध क्या कहना है?’’मेरे दिल में आप के विरुद्ध कुछ नहीं हैं.’‘ भाई हालैंड ने कहा ‘जरुर आपके दिल में कुछ हैं, क्योंकि एक समय हम एक दूसरे से बात करते थे परन्तु अब आप मुझ से बिल्कुल नहीं बोलते और मैं कारण मालूम करना चाहता हूँ.” ककेप 129.6

उसने कहा भाई हालैंड उठिए.” “भाई हालैंड ने कहा ‘’नही मैं न उतूंगा.’‘ उसने कहा, ‘’तब मुझे झुकना पड़ेगा,’‘ और वह घुटनों के बल हो गया और इकरार किया कि मैं कैसा मूर्ख था और मैं कैसा भूर्ख था और मैंने कैसे कैसे कटु विचार अपने हृदय में सोचे ” और अब मै उनको दिल से दूर करुंगा.’‘ ककेप 130.1

जब हालैंड ने इस कहानी को सुनाया उसका चेहरा परमेश्वर की महिमा से चमकने लगा.ज्यों ही उसने कहना समाप्त किया मछुवा भाई और उसकी पत्नी अन्दर आए और सभा अति सुन्दर रही. ककेप 130.2

मान लीजिए कि हम भाई हालैंड के नमूना का अनुकरण करें. जब हमारे भाई बुरा विचार सोचने लगें हम उनके पास जाएं और कहें ‘’मुझे क्षमा कीजिए यदि मैं ने आपको हानि पहुँचाने का कोई अपराध किया है, ‘’तो हम शैतान के बंधन को तोड़ कर अपने भाइयों को प्रलोभन से स्वतंत्र कर देते हैं.अपने भाइयों के बीच किसी वस्तु को न आने दीजिए. यदि बलिदान के द्वारा आप किसी संदेह की मलीनता की दूर कर सकें तो कीजिए. परमेश्वर चाहता है कि हम एक दूसरे को भाई की भाँति प्यार करें. वह चाहता है कि हम सुशील बनें.वह चाहता है कि अपने को ऐसा शिक्षित करें और ऐसा विश्वास करने लगे कि हमारे भाई हम से प्रेम करते हैं और यह भी यकीन करें कि मसीह हम को प्यार करता है.प्रेम से प्रेम पैदा होता है. ककेप 130.3

क्या हम अपने भाइयों से स्वर्ग में मिलने की आशा रखते हैं? यदि हम यहां उनके साथ शांति व मेल से रह सकते हैं तो वहां भी शांति के साथ रह सकेंगे. परन्तु किस तरह उनके साथ स्वर्ग में रह सकते हैं जब हम इस पृथ्वी पर बिना लगातार रगड़े झगड़े के नहीं रह सकते? जो जैसा काम करते हैं जिससे वे भाइयों से जुदा हो जाते हैं और आपस में विरोध और फूट पैदा होती है उन्हें पूर्णतया मन फिराव को जरुरत है.हमारा हृदय मसीह के प्यार से पिघलने और पराजय होना चाहिए.हमको वही प्यार प्रकट करना चाहिए जो उसने कलवरी की क्रूस पर मरते समय हमारे लिए प्रदर्शित किया.हमें त्राणकर्ता के अधिक निकट आना चाहिए. हम को प्रार्थना में अधिक समय लगाना चाहिए और विश्वास का अभ्यास करना सीखना चाहिए.हमको अधिक कोमल हृदय, अधिक करुणामय और सुशील बनना चाहिए.हम इस संसार में एक दफा गुजरंगे.क्या हम अपने मिलने वालों के साथ मसीह के चाल चलन की छाप न छोडेंगे? हमारे पत्थरीले दिलों को तोड़ने की जरुरत है.हमें पूर्ण मेल के साथ इकट्टा होना चाहिए. और महसूस करना चाहिए कि हम यीशु नासरी के लोहू से ख़रीदे गये हैं. प्रत्येक यह कहें:’’उसने अपने प्राण मेरे लिए दिए और वह मेरी सांसारिक यात्रा में चाहता है कि मैं उस प्यार को प्रगट करूँ जिसे उसने अपने आपको मेरे लिए देने में प्रगट किया है’‘ मसीह ने अपनी देह में क्रूस पर हमारे पापों को उठा लिया ताकि परमेश्वर धर्मी ठहरे और जो कोई उन पर विश्वास करते हैं उनको धर्मी ठहरावे.4 ककेप 130.4