नहेम्याह की जोश भरी आत्मा और कर्तव्य परायणता का प्रथम प्रभाव पाने वाले इजराइल के याजक थे। ये लोग अपने पद और प्रभाव के द्वारा काम को या तो आगे बढ़ा सकते या फिर पीछे कर सकते थे। प्रारम्भ में ही इनके द्विारा दिया गया सहयोग काम की सफलता में कोई कम योगदान नहीं था। इस प्रकार हर प्रकार के पवित्र कार्य में इनका सहयोग होना चाहिये। कलीसिया में जिन के पास ऊँचे पद, प्रभाव व जिम्मेदारियाँ होती है उन्हें इन कार्यो में सबसे आगे होना चाहिये यदि ये काम में रूचि नहीं दिखायेंगे तो अन्य अपनी प?जगह से हिलेंगे भी नहीं। किन्तु उनका जोश अनेकों को जगाने का काम करेगा। जब उनकी ज्याति प्रकाशमान होती है तब उसकी लौं से अनके मशाले रौशन हो उठती है। (द सदर्न वॉचमेन 5 अप्रैल 1904) ChsHin 241.2