काफी कुछ उन लोगो की लगातार कोशिशों पर निर्भर करता है। जो वास्तव में सच्चे और वफादार है। और इसलियों शैतान अपनी सारी ताकत इन आज्ञा मानने वालों के काम में विघ्न डालने के लिये लगा देता है। वह कुछ लोगों का ध्यान अपने ऊँचे व पवित्र से भटकाने में प्रयास करता है और उन्हें संसार के सुख बिलास से संतुष्ट होने के लिये उकसाता है। वह उन्हें आराम से बैठने के लिये उबारता है और संसार के और अघि क लाभों की ओर ले जाता है। उन स्थानों से दूर ले जाता है जहाँ वे लोगों की भलाई कर सकते थे दूसरों को वे निरोत्साहित कर काम छोड़कर भाग जाने पर मजबूत करता और विरोध और यातना देकर उन्हें काम करने से रोकने के क्या-क्या प्रयास नहीं करता, किन्तु प्रभु ऐसे सभी सताये जाने वालों पर दया करता है। प्रभु के हर उस बालक जिसकी आवाज शैतान दबाने में कामयाब हुआ है। उससे यह प्रश्न है। “तू यहाँ क्या करता है” मैंने तो तुझे जगत में जाने और प्रभु यीशु का सुसमाचार प्रचार करने के लिये भेजता था। लोगों को प्रभु के दिन लिये भेजा था। लोगो को प्रभु के दिन के लिये तैयार करने को भेजा था। तू यहाँ क्यों है? तुझे किसने भेजा है। (पेट्रिएक्स एण्ड प्रोफेटस, 171, 172) ChsHin 250.1
जैसे व्यक्तिगत रूप से वैसे ही परिवारों से भी यह प्रश्न है, “तू यहाँ क्या करता है? कई कलीसिया में ऐसे परिवार है परमेश्वर के वचन की सच्चई को बड़ी अच्छी तरह जानते है। वे अपने किये गये प्रयासों और प्रभाव से उन क्षेत्रों में जाकर जहाँ प्रभु के वचन की सेवकाई बाकी है। उनकी सहायता कर सकते है। (प्रोफेटूस एण्ड किंग्स 172) ChsHin 250.2