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एक स्वर्गीय आदेश — पत्र ChsHin 29

वह काम जो शिष्यों ने किया, हमें भी करना है। हर एक मसीही को एक मिशनरी होना है। पूरी सहानुभूति और दया के साथ, उन लोगों तक सुसमाचार पहुँचाना है, जिन्हें मद्द की जरूरत है, उन्हें ढूँढ़ना है, स्वार्थ रहित ईमानदारी के साथ उनके दुखों व कश्टों को दूर करना एवं संपूर्ण मानव जाति को सुसमाचार की सत्यता की ज्योति से रौशन करना है। (द मिनिस्ट्री ऑफ हीलिंग- 104) ChsHin 29.3

स्वर्गारोहण के पहले यीशु ने उसके चेलों को एक काम सौंपा उसने उनसे कहा कि उन्हें उसकी इच्छा की सभी को बताना है, जिसमें उसने जगत के लोगों को अनंत जीवन का खजाना उनके नामे वसीहत किया है। (द एक्ट ऑफ द अपॉसल्स- 27) ChsHin 30.1

प्रारंभिक शिष्यों को दिये गये भरोसे को हर उम्र के विश्वासी में आपस में बॉटा। हर एक जिसने ससमाचार को ग्रहण किया. उसे पवित्र सच्चाई भी दी गई कि वह उसे संसार के बीच बाँटे । परमेश्वर के कई वफादार लोगों ने जबरदस्त तरीके से सुसमाचार प्रचार—प्रसार अपने साधनों का इस्तेमाल, प्रभु के नाम को महिमा देने तथा अपने तोड़ो का सही उपयोग प्रभु की सेवकाई में किया। (द एक्ट ऑफ अपॉसल्स- 109) ChsHin 30.2

सुसमाचार प्रचार का काम परमेश्वर के राज्य के लिये किया गया सबसे बड़ा एवं कारगर जरिया है। शिष्यों को सभी लोगों की आत्मा बचाने तथा प्रभु की दया पाने के लिये ईमानदारी से आमंत्रित करना है। उन्हें इंतजार नहीं करना है कि वे स्वयं उनके पास आये। बल्कि उन्हें खुद सुसमाचार लेकर उन तक पहुंचना था। (द एक्ट ऑफ अपॉसल्स- 28) ChsHin 30.3

जिस काम को प्रभु यीशु ने इस संसार में रहते हुये किया था, उसी काम को प्रभु के संदेशवाहकों को करने के लिये नियुक्त किया गया है। उन्हें अपने आप को प्रचार के हर क्षेत्र को अपने हाथ में लेकर प्रचार कार्य आगे बढ़ाना था। उन्हें पूरी तन्मयता तथा वफादारी से लोगों को ऐसे धन के बारे में बताना, जिसे उन्होंने कभी खोजा ही नहीं, वह स्वर्गीय धन जो कभी खत्म नहीं होने का। (टेस्टमनीजज फॉर द चर्च- 9:130) ChsHin 30.4

शिष्यों को सौंपा गया काम हमारा भी है। आज पहले की ही तरह क्रुस पर कुर्बान मसीह और मष्यु से पार होकर पुनरूत्थान प्राप्त करने वाले उद्धारकर्ता प्रभु को उन लोगों के सामने महिमामयी रूप में ऊँचा उठाता है, जो प्रभु को जानते ही नहीं और उनके पास कोई आषा भी नहीं। उन पर आशा की ज्योति चमकाना है। प्रभु में सभी पास्टर्स, टीचर्स तथा धर्म प्रचारकों को घर-घर जाकर उद्धार का संदेश लोगों को सुनाना है। प्रत्येक जाति, धर्म, देश के लोगों जिन्हें प्रभु यीशु के द्वारा क्षमा पाने के लिये प्रभु के करीब लाना है, सिर्फ मुँह से बोल देने व रटी-रटाई बात कहने के बदले ऐसे स्पश्ट, निर्णायक एवं कायल करने वाला सुसमाचार सुनाना है। सैकड़ों लोग अपनी जान बचाने के लिये अंतिम चेतावनी की प्रतिक्षा कर रहे है। आज सारा जगतमसीह लोगों की मसीहीयत की ताकत का प्रमाण देखना चाहता है। केवल कुछ स्थानों में ही नहीं किन्तु दुनिया के कोने-कोने में लोगों को मसीह की दया की जरूरत है। (गॉस्पल वर्कर्स- 29) ChsHin 30.5

जब मसीह यीशु स्वर्ग को उठा लिये गये, उन्होंने प्रचार का काम उन लोगों को सौंपा, जिन्हें सुसमाचार की ज्योति प्राप्त हो चुकी थी। उन्हें उस काम को जगत में परा करना था। उसने और किसी माध्यम को सच्चाई का बखान करने के लिये नहीं दिया। “तुम जाओ और सारे जगत के लोगों को सुसमाचार का प्रचार करों”, “और देखो, मैं जगत के अंत तक सदा तुम्हारे संग हूँ।” इस दष्ठ प्रतिज्ञा योजना का काम आज के युग तक पहुँचता है। परमेश्वर इस जिम्मेदारी को कलीसिया के ऊपर छोड़ देता है कि वह चाहे तो इसे स्वीकार करें या त्याग दें। (हिस्टॉरिकल स्केचेज़- 288) ChsHin 31.1

हम सबके कांधों पर एक पवित्र काम करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। जो काम हमें सौंपा गया है, वह है, “इसलिये तुम जाओ, सब जातियों के लोगो को चेला बनाओ और उन्हें पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा के नाम से बपतिस्मा दो। और उन्हें सब बातें जो मैने तुम्हें आज्ञा दी है, मानना सिखाओ और देखो, मैं जगत के अंत तक सदा तुम्हारे संग हूँ।” मत्ती 28:19, 20 तुम्हें अपने को इस काम को करने और लोगों तक उद्धार का सुसमाचार पहुँचाने के लिये समर्पित किया गया है। स्वर्गीय परिपूर्णता ही तुम्हारी सामर्थ होगी। (टेस्टमनीज फॉर द चर्च- 9:20, 21) ChsHin 31.2