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परमेष्वर की बहुतायत से देने की इच्छा ChsHin 319

प्रभु उसकी सन्तान पर पवित्र आत्मा की बारिष बहुतायत से करना चाहता है, जो उसकी सेवा करते है। उन माता-पिताओं से भी ज्यादा जो अपने बच्चों को अच्छे उपहार देते है। (द एक्ट्स ऑफ अपॉसल्स 50) ChsHin 319.3

हर समय, हर जगह, हर दुःख में, तंगी व परेषानियों के समय जब बाहर केवल अंधकार और भविश्य अनिष्चित दिखाई पड़ता, और हम अकेला और असहायक महसूस करते हैं, तब प्रभु यीषु हमारे सहायक भेजेगा जा हमारी विष्वास से की गई प्रार्थना को जवाब होगा। परिस्थितियाँ षायद हमें हमारे सांसारिक मित्रों से अलग कर दें। किन्तु कोई भी परिस्थिति, कोई दूरी हमें अपने स्वर्गीय सहायक से अलग नहीं कर सकती। हम चाहे जहाँ रहे, वह हमेषा हमारे दाहिनी ओर हमे सहारा देने, हिम्मत दिलाने, ऊँचा उठाने और प्रसन्न करने के लिये साथ होगा। (द डिजायर ऑफ एजेज 669, 670) ChsHin 320.1

सुबह दर सुबह सुसमाचार का स्वर प्रभु के कदमों में डाला जाता और अपने पूर्ण समर्पण की वाचा को मजबूत करने का काम करता है। तो वह उन्हें पवित्र आत्मा की उपस्थिति अपने मजबूती व ताजगी और पवित्र करने वाली षक्ति के साथ प्रदान करता है। जैसे वे प्रतिदिन प्रभू का काम करने को कदम बाहर निकालते उन्हें निष्चितता रहती है कि एक अनदेखी षक्ति, जो पवित्र आत्मा है, उन्हें इस योग्य बनाती हैं कि वे परमेष्वर के साथ परिश्रम करने में साथ हों। (द एक्ट्स ऑफ अपॉसल्स 56) ChsHin 320.2

हम लोग पवित्र आत्मा की षक्ति के काम करने के समय में रह रहे है। जो स्वयं को मनुश्यों के जरियें सामने लाने की कोषिष करती है। इस प्रकार जगत में अपना प्रभाव बढ़ा रही है। (द सदर्न वॉचमेन 3 नवम्बर 1903) ChsHin 320.3