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बुराई व पाप में मरे हुये ChsHin 59

हमारी कलीसिया के अधिकतर लोग पाप और बुराई में इतने गिर गये हैं कि मष्तक समान हो गये हैं। वे द्वार के संकलो की तरह इधर-उध पर आते-जाते रहते है, कई वर्शो से उन्होंने बड़ी तन्यमयता, व ध्यान से पवित्र एवं आत्मा को जागष्त करने वाली सच्चाई को सुना किन्तु इस सच्चाई पर चले नहीं। इसीलिये वे कम से कमतर होते चले गये, सत्य वचन की कीमत को समझने व पालन करने में, जब लोग उस काम को करने की ठान लेते हैं तब परमेश्वर की सामर्थ का इंकार कर देते हैं। यदि वे ऐसा लगातार करते रहेंगे तो परमेश्वर भी उन्हें त्याग देगा। वे स्वयं को परमेश्वर के परिवार के सदस्य होने के लिये अयोग्य सिद्ध कर रहे हैं। (टेस्टमनीज फॉर द चर्च- 6:426, 427) ChsHin 59.1