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एक अच्छा उदाहरण ChsHin 94

पतरस प्रेरित ने महसूस किया कि उसके प्रयास के द्वारा बदलाव लाने वाले लोगों की आत्मिक भलाई की काफी हद तक जिम्मेदारी उसकी स्वयं की है। उनके लिये पतरस की इच्छा थी कि वे उस अद्वैत परमेष्वर को जो सच्चा है जानें और प्रभु यीशु को भी जाने, जिसे परमेश्वर ने भेजा अधिकतर अपनी सेवकाई के दौरान वह अधिकतर ऐसे स्त्री, पुरूशों के छोटे समूहों से मिलता था जो प्रभु यीशु से प्रेम रखते थे। वह उनके साथ प्रार्थना करता, परमेश्वर से प्रार्थना करता था कि वह उन्हें सिखाये कि वे कैसे जीवने परमेश्वर से अपना संबंध बनाये रख सकते हैं। अक्सर वह उनसे बातचीत किया करता था, जो कि बढ़िया तरीका था, वचन की रौशनी को उन तक पहुँचाने का। जब भी वह उनसे अलग होता, जिनके साथ उसने परिश्रम किया है, उनके लिये वह प्रभु से प्रार्थना करता था कि प्रभु उन्हें बुराई से बचाये तथा उनकी मद्द करे, एक सच्चा और सक्रिय प्रचारक बनने के लिये । (द एक्ट्स ऑफ द अपॉसल्स- 262) ChsHin 94.2