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सोये हुओं को जगाना ChsHin 105

प्रभु का काम जल्दी ही खत्म होने वाला है, और हर तरफ दुश्टता बढ़ती जा रही है। हमारा काम करने का थोड़ा ही समय बाकी रह गया है, अब हमें आत्मिक जागषत लाना है और अपना सब कुछ प्रभु की सेवा में दे देना है। उसका आत्मा हर सच्चे सेवक के साथ मिलकर काम करेगा और अपनी सामर्थ से भर देगा। (द सदर्न वॉचमेन- 09 अप्रैल 1903) ChsHin 105.10

उठो, भाईयों और बहनों जाग जाओ, नींद की गफलत में न रहो यहाँ दिन भर व्यर्थ क्यों खड़े रहते हो? प्रभु यीशु बुलाता और कहता है, “जाओ और मेरी दाख की बारी में काम करो। जिस किसी ने भी पवित्र आत्मा पाया है, उसे वह काम में लायेगा और पवित्र आत्मा उसके साथ मिलकर वो सारे काम भरपूरी से अंजाम देगा। वे जिन्होंने प्रभु यीशु को वास्तव में विश्वास से ग्रहण किया है, वह काम करेगा, उन्हें अपने ऊपर आत्माओं को जीतने का बोझ महसूस होता है। प्रभु इन सभी को बुलाता है, जिन्हें सच्चाई का ज्ञान है, जिनके पास सच्चाई का भण्डार है, वे उठ खड़े होंगे और स्वर्गीय ज्योति को दूसरों तक पहुँचायेंगे। (द रिव्यू एण्ड द हैरल्ड- 05 दिसम्बर 1893) ChsHin 105.11

जागो, भाईयों स्वयं की आत्मा को बचाने के खातिर जागो, यीशु मसीह के अनुग्रह के बिना तुम कुछ नहीं कर सकते, काम करो जब तुम कर सकते हो। (द सदर्न वॉचमेन- 17 जुलाई 1906) ChsHin 106.1

यदि हम अपनी आँखों से ये देख सकते कि स्वर्ग से गिराये गये स्वर्गदूत उन लोगों को बहकाने में लगे हैं जो अभी तक सो रहे हैं और समझते हैं सब कुछ ठीक है और वे सुरक्षित हैं। तो हम विचलित हो जाते है क्योंकि दुश्ट स्वर्गदूत हमारी हर चाल पर नज़र रखे हुये हैं, वे ऐसे ही मौके की खोज में रहते हैं। (टेस्टमनीज फॉर द चर्च- 1:302) ChsHin 106.2

प्रभु सबको बुलाता है, चाहे वह प्रचारक हो या लोग वह सबको जगाता है। पूरा स्वर्ग उत्तेजना से भरा है, पष्थ्वी के इतिहास का अंत करीब है, हम सब अंतिम दिनों की हानियों के भय से भयभीत हैं, और ज्यादा भयानक दिन आने वाले हैं और हम अभी तक जागे नहीं सचेत नहीं हुए। इस प्रकार की निश्क्रियता और वफादारी की कमी प्रभु के काम के रास्ते में खतरनाक है, और ये गफलत की नींद पैतान की ओर से है। (टेस्टमनीज फॉर द चर्च- 1:260, 261) ChsHin 106.3

मैं परमेश्वर के उन षेश लोगों के लिये क्या कहूँ? मुझे वह भयानक दृश्य दिखाया गया, जिसमें पैतान और उसके दूत परमेश्वर के लोगों पर अपनी षक्ति का इस्तेमाल कर रहे हैं। उसे पता है कि यदि ये लोग अभी भी गहरी नींद में सो रहे हैं तो ये पक्का है कि वे उसके काबू में हैं, क्योंकि उनका विनाश अवश्य है। (टेस्टमनीज फॉर द चर्च- 1:263) ChsHin 106.4

दुनिया के अंत के दिनों में मनुश्यों के पुत्रों के लिये कुछ ही समय षेश है और फिर जल्दी ही हर एक आत्मा का न्याय सुनिश्चित हो जायेगा। अत: स्वर्ग और पथ्वी का परमेश्वर कलीसिया के लोगों को अंतिम बार काम करने के लिये जागृत करता है, क्योंकि फिर बाद में उन्हें कुछ नहीं करना होगा। सब का निर्णय सुनाया जा चुका होगा, वे जिन्हें प्रभु यीशु के द्वारा सत्य का ज्ञान हो गया और सत्य ने उन्हें स्वतंत्र कर दिया है, केवल वे ही चुने हुये प्रभु के लोग होंगे जो पृथ्वी पर से अलग किये जायेंगे और वह उनकी गिनती कर रहा है जो उसकी महिमा का गीत गाने को आगे आयेंगे, जिन्हें उसने मृत्यु के अंधकार से जीवन की ज्योति में बुलाया है। वे सभी आशिशें जो उन्हें मिली हैं वह दूसरों तक पहुँचाना है। वह उद्धार का सुसमाचार जो हर एक राश्ट्र, कुल, भाशा एवं लोगों के लिये है। ChsHin 106.5

(प्रोफेट्स एण्ड किंग्स- 716, 717) ChsHin 107.1

सौ में से एक भी नहीं है, हममें से जो सांसारिक और सामान्य जीवनषैली के कामों में अपने आप को लगाये हुए हैं। हम अभी तक आधे भी नहीं जागे हैं उन आत्माओं को बचाने के लिये जिनके लिये प्रभु यीशु ने अपनी जान दी। (टेस्टमनीज फॉर द चर्च- 8:148) ChsHin 107.2

यदि प्रभु के सेवकों में वफादारी से सक्रिय होकर अपना काम किया हुआ होता तो आज जहाँ केवल एक आत्मा बचाई गई है वहाँ हजारों आत्माओं को बचा लिया गया होता, जो खुद भी अन्य जातियों में सुसमाचार का प्रचार कर रहे होते और वे सब भी जो व्यक्तिगत रूप से इस काम में नहीं लगे हैं वे कम से कम अपनी सहानुभूति, प्रार्थनायें तथा अन्य साधन जुटा कर इस कार्य में षामिल हो सकते हैं। मसीही देशों में तो कई एक वफादार सेवक आत्माओं को बचाने में लगे होते। (स्टेप्स टू क्राइस्ट- 81) ChsHin 107.3

हजारों लोग जो इस महान प्रभु की ज्योति और बेषकिमती अवसरों का आनंद लेते है, किन्तु फिर भी अपने धन एवं अपने प्रभाव का इस्तेमाल दूसरों को रौशनी दिखाने के लिये नहीं करते। यहाँ तक अपनी खुद की आत्मा को प्रभु के प्रेम में बनाये रखने के लिये जिम्मेदारी नहीं लेते कि वे कलीसिया पर बोझ न बन जाये। ऐसे लोग वास्तव में स्वयंबोझ हैं और स्वर्ग के लिये रूकावट हैं। प्रभु की खातिर सच्चाई की खातिर और तो और अपने स्वयं के खातिर उन्हें उठकर कछ ऐसा कर दिखाना है जो हमेंशा तक रहे। (द रिव्यू एण्ड द हैरल्ड- 01 मार्च 1887) ChsHin 107.4

परमेश्वर की कलीसिया की तुलना एक युद्ध के लिये तैयार सेना से की जा सकती है। जिसमें हर एक सिपाही का जीवन परिश्रम मुष्किलों और खतरों से भरा होता है, हर कदम पर षत्रु सेना का पहरा होता है जो अंधकार की ताकतों का राजकुमार है, वह उनकी अगुवाई करता है। जो कभी नहीं ऊँधता और अपने काम करने से कभी हटता नहीं जब भी एक मसीही चिंतामुक्त होकर निश्चित हो जाता है, तभी वह शक्तिशाली पत्रु अचानक हिंसक हो उठता और हमला कर देता है। यदि कलीसिया के सदस्य सक्रिय एवं चौकन्ने नहीं होंगे तो अवश्य ही पैतान के हाथों में पड़ जायेंगे। ChsHin 107.5

क्या होगा, यदि किसी सेना के आधे जवान सुख व आलसी हो जायें या काम के समय सोते रहें? निष्चय ही वे हार, कैद और मष्त्यु के षिकार हो जायेंगे। क्या वे षत्रु के हाथों से बच निकलेंगे? क्या वे किसी इनाम के योग्य ठहराये जायेंगे? नहीं। उन्हें तो तुरंत मौत की सजा सुना दी जायेगी, और क्या परमेश्वर की कलीसिया लापरवाह और विश्वास योग्य नहीं रही। क्योंकि आगे बहुत से महत्वपूर्ण परिणाम इससे जुड़े हुये हैं। मसीही सिपाहियों की सोने वाली सेना? इससे भयंकर बात और क्या हो सकती है? संसार के लोगों को आगे कैसे लाया जा सकता है? क्योंकि वे तो पैतान और उसकी अंधकार की षक्तियों के हाथ में पड़ चुका है। वे जो इस युद्ध के दिन में पिछड़ जायेंगे, जैसे उन्हें इन बातों में कोई रूचि ही नहीं न ही उन्हें कोई जिम्मेदारी थी इस युद्ध के होने की ऐसे लोगों के तुरंत इसी समय अपने सब कामों को छोड़ देना चाहिए। (टेस्टमनीज फॉर द चर्च- 5:394) ChsHin 108.1