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सकारात्मकता से सत्य को थामे रहना ChsHin 164

जब भी तुम सच्चाई को प्रस्तुत करने का प्रयास करते हो, तुरन्त ही विरोधी अपनी बात को सही बताने की बहस को लेकर उठ खड़े होते है। यदि आप विरोधी का सामना करने को उठे तो बहस बढ़ती जायेंगी, जो तुम उचित नहीं समझोगे अतः ऐसे मौके, पर अपनी सच्चाई को थामे रहने की जरूरत है। इस समय स्वर्गदूत आपकी परेषानी समझते और आपका साथ देते हैं। उन लोगों की बात को दबाने में। उस परिस्थिति में उनके उठाये नकारात्मक बिन्दुओं पर ध्यान मत दो। किन्तु अपने दिमाग में सच्चाई की सकारात्मक रूप से थामे रहकर, विश्वासपूर्ण प्रार्थना और हृदय की गहराई से सत्यता का साथ देना जरूरी है। (टेस्टमनीज फॉर द चर्च — 9:147, 148) ChsHin 164.1