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कलीसिया के लिए परामर्श

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    प्रत्येक की उपयोगिता उसके पवित्र आत्मा को समर्पण पर निर्भर

    जो काम हमारे सामने है उसे परमेश्वर नहीं कहता कि हम अपनी ही बल पर करें.उन सारी संकटकालीन घटनाओं के लिए जिनके निवारणार्थ हमारे मानव साधन असमर्थ है उसने ईश्वरीय सहायता की व्यवस्था की है. वह प्रत्येक विपत्ति के समय सहायता करने,हमारी आशा और आश्वासन को बलिष्ठ करने,हमारे मनों को प्रकाशमान और हृदयों को शुद्ध करने के निमित्त पवित्रआत्मा प्रदान करता है. ककेप 157.2

    मसीह ने प्रबंध किया है कि उसकी कलीसिया एक परिवर्तित सम्प्रदाय बनकर स्वर्गीय प्रकाश से प्रदौत्त हो और इम्मानुएल की महिमा धारण करे.उस का अभिप्राय है कि प्रत्येक मसीही ज्योति और शांति के आत्मिक वायुमंडल से घिरा रहे.जो मनुष्य स्वार्थ को त्याग कर अपने हृदय में पवित्र आत्मा को काम करने के लिये जगह बनाता है और परमेश्वर के लिये पूर्ण समर्पित जीवन व्यतीत करता है उसकी उपयोगिता की कोई सीमा नहीं.पिन्तकुस्त के दिन पवित्र आत्मा के उडेले जाने का क्या नतीजा हुआ? जी उठे त्राणकर्ता का सुसमाचार आबाद दुनिया को दूरस्थ सीमाओं तक पहुँचाया गया. शिष्यों के हृदय पूर्ण अगाध,तथा गम्भीर प्रभाव डालने वाले परोपकार से ऐसे भरपूर थे कि वे पृथ्वी के छोरों तक जाने को प्रोत्साहित हो गये और साक्षी देते गये कि,” मैं और किसी बात का घमण्ड करुं केवल हमारे प्रभु यीशु मसीह के क्रूस का.’’(गलती 6:14) जब वे सत्य का प्रचार करते गये तो मानवों के हृदय संदेश को शक्ति के समर्पण होते गये.कलीसिया में नव शिष्य चारों ओर से झुंड आते गये. भटके हुये फिर से विश्वास लाये.पापी लोग मसीहियों में मिलकर अनमोल मोती की तालाश करने लगे.सुसमाचार के कट्टर शत्रु उसके लिए प्राण निछावर करने वाले बन गये.यह भविष्यवाणी पूरी हो गई कि निर्बल,’दाऊद की भांति और दाऊद का घराना “परमेश्वर के दूत की भांति’’हो जायगा.प्रत्येक मसीहो ने अपने भाई में प्रेम और दयाशीलता की छवि देखी.मसीह के सरोके बनने के विचार में दूसरे सब विचारों को परास्त कर दिया. विश्वासियों में एक ही अभिलाषा थी कि मसीह के चरित्र की छवि को प्रकट करें और उसके राज्य को फैलाने के लिए परिश्रम करें.पवित्र आत्मा की प्रतिज्ञा जो प्रथम शिष्यों को दी गई वह आज हमारे लिए भी है. परमेश्वर आज भी पुरुष व स्त्रियों को आत्मा का दान देगा जिस प्रकार उसने उनको दिया जिन्होंने पिन्तुकोस्त के दिन त्राण का वचन सुना था.इसी घड़ी उसकी आत्मा और उसकी अनुग्रह उनके लिए उपस्थित है जिनको जरुरत हैं और जो उसके वचन को स्वीकार करेंगे.ककेप 157.3