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कलीसिया के लिए परामर्श

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    पति विचार शील हो

    पति सावधान,सतर्क,नियमबद्ध,विश्वासी,एव करुणामय हो.वे प्रेम एवं सहानुभूति पूर्ण व्यवहार करें.यदि वे मसीह के वचनों की पूर्ति के इच्छुक हों तो उनका प्रेम निम्नकोटि का संसारौ एवं इन्द्रियवश नहीं होगा परिणाम स्वरुप वे अपनी निज देह नाश करके अपनी ही निर्बलता एवं रोग के कारण होंगे. जब वे यह आशा करते हैं कि उनकी पत्नी पूर्ण रुप से उनके अधीन रहे तो वे जो स्वयं इन तुच्छ अनुरागों की पूर्ति में लीन नहीं होंगे.मसीही को आदरनीय चरित्र,पवित्र हृदय एवं आदर्श मन आदि गुणों से विभूषित होना चाहिए. जब ये गुण पति के जीवन में यथा स्थान प्राप्त कर ले तो इनका प्रकटीकरण वैवाहिक जीवन में होना अवश्य हैं.यदि उसमें मसीह का मन है तो वह अपनी देह का विनाशक न होकर विनम्र प्रेम से परिपूर्ण होगा जिसके द्वारा वह मसीह सर्वोच्चस्तर तक पहुंच सकेगा.ककेप 193.6

    जब किसी व्यक्ति की पत्नी उसकी दुराचारी लालसाओं की पूर्ति के लिए उसकी दासी बन जावे तो ऐसा व्यक्ति अपनी पत्नी को सच्चे दिल से प्रेम नहीं कर सकता है.अपने अनिवारक सहनशील आज्ञानुकूलता के कारण,पति की दृष्टि में अपना जो मूल्य था वह खो देती है.वह उस एक उच्च आदर्श से पतन की ओर प्रगतिशील देखता है.उसके मन में यह भावना उत्पन्न होती है कि जिस प्रकार अपनी पत्नी ने उसके लिए अपनी मर्यादा का उल्लघंन किया है उसी प्रकार वह किसी अन्य को भी वशीभूत हो सकेगी.वह उसकी पतिव्रत्य एवं दृढ़ता पर सन्देह करके ऊब कर अपनी नारकीय लालसाओं की उत्तेजना एवं पूर्ति निमित्त नये साधनों की खोज में अग्रसर होता है.इस प्रकार परमेश्वर की व्यवस्था की अवहेलना की जाती है.ऐसे व्यक्ति पशु से भी निकृष्ट हैं.वे मानव भेष में दानव हैं.वे पवित्र प्रेम के आदर्शनीय सिद्धांतों से अनभिज्ञ हैं.ककेप 193.7

    पली के मन में भी पति के प्रति द्वेष उत्पन्न होता है.वह सन्देह करने लगती है कि अवसर आने पर उसका पति दूसरी स्त्री के लिए अपने आप को सौंप देगा.वह जानती है कि पति पर से विवेक तथा परमेश्वर का भय का नियंत्रण जाता रहा लालसापूर्ण आवेगों के आध्यात्मिक बना सकती है,जिसके फलस्वरुप वे अपनी लालसाओं द्वारा संसार की सड़ाहट में पड़ने के बदले परस्पर ईश्वरीय स्वभाव के भागी हो सकती हैं.ककेप 194.1

    द्वारा ये सब पवित्र बन्धन भंग हो जाते है.पति के जीवन में ईश्वरीय स्वरुप के जो सद्गुण थे अब नौच पाश्विक लालसाओं के दास बन जाते हैं.ककेप 194.2