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कलीसिया के लिए परामर्श

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    अध्याय 32 - माता और बालक

    गृह सेवा के दासत्व के बंधन में व्यस्त रहने की अपेक्षा स्त्री एवं माता अध्ययन के लिए समय निकाले जिससे उसकी ज्ञान वृद्धि हो कि वह अपने पति की सहयोगी बन अपने शिशु की विकसित बुद्धि की प्रगति से भिज्ञ रहे.अपने प्यारे जनों के सम्पर्क के अन्तर्गत जो सुअवसर उसे मिलें. उनका बुद्धिमानी से सदुपयोग करके उनके जीवन को आदर्श बनाने में सहायक हो.वह ध्यान एवं मनन के लिए अवसर निकाले कि प्रिय उद्धारकर्ता उसका परिचित मित्र एवं दैनिक साथी बन सके.समय निकाल कर पवित्र वचन का अध्ययन करे अथवा अपने बालकों के साथ खेतों में जाकर परमेश्वर की सुन्दरता का अवलोकन करके ईश्वरीय ज्ञान प्राप्त करें ककेप 196.1

    स्त्री सदैव प्रसन्नचित रहे.दैनिक कार्य से निवृत होने पर सिलाई बुनाई में लीन रहने की अपेक्षा अपने कुटुम्ब के साथ मनोंरजन में समय बिताए.जिस परिवार में यह हो उसके पुरुष क्लबों इत्यादि सामाजिक मनोरंजनों के स्थानों की अपेक्षा अपने कुटुम्ब की सहभागिता में रहना रुचिकर समझेंगे.अनेक बालक कोने की दुकान पर जाकर समय तथा पैसा बरबाद करने से बचेंगे.अनेक लड़कियां ओछी कुमार्गगामी से बचेंगी.इस प्रकार घर का प्रभाव जैसी परमेश्वर की योजना है,माता-पिताओं तथा बाल बच्चों के लिए एक आजीवन आशीष का कारण बन जाएगा.ककेप 196.2

    बहुधा यह प्रश्न पूछा जाता है कि क्या माता अपनी स्वेच्छा पर कभी न चले?’’बाइबल सफाई से कहती है कि पति परिवार का सिर है पत्नियों अपने पतियों के अधीन रहो.’’यदि सलाह यहीं समाप्त हो जाती तो पत्नी का पद कोई चाहने योग्य वस्तु न होती,पर इसी सलाह के अन्त में लिखा है’’जैसा प्रभु में सोहता है.”ककेप 196.3

    कुटुम्ब के मध्य में जब तक परमेश्वर के आत्मा का सहवास न हो तो उसमें अनुरुपता नहीं आ सकती.यदि पत्नी का जीवन मसीह के आत्मा की अगुवाई में चलता है तो वह अपने वचन में सावधान होगी;अपनी भावना को वश में रखेगी;वह अधीनता स्वीकार करेगी,यह सब होते हुए भी वह अपने को दासी नहीं पर अपने पति का साथी समझेगी.यदि पति परमेश्वर का सेवक हो तो वह अपनी पत्नी पर प्रभुत्व न जमाएगा.वह न स्वच्छंद होगा न अनुचित माँग करेगा. पारिवारिक स्नेह की सुरक्षा के लिए जो कुछ कहा जाए सब थोड़ा ही है क्योंकि यदि हमारे घर में परमेश्वर के आत्मा का निवास है तो वह स्वर्ग बन जाएगा.यदि एक से ग़लती हो जावे तो दूसरा उदासीनता न दिखला कर मसीह के समान सहनशीलता दिखलाएगा.ककेप 196.4

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