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कलीसिया के लिए परामर्श

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    संगति और उचित आदतें

    युवक जो दूसरों की संगति सम्पर्क में आते हैं वे अपनी इस संगति को आशीष या अभिशाप बना सकते हैं. वे अपने ज्ञान और स्वभाव द्वारा अपने आचरण को उन्नत बनाकर परस्पर प्रोत्साहन और आशीष प्रदान करके जीवन को सुदृढ़ बना सकते हैं या असावधान अथवा अविश्वासी होकर वे पतनशील आचरण ही के निमित्त अपना प्रभाव डाल सकते हैं.ककेप 221.3

    जितने यीशु पर विश्वास रखते हैं उनका वह सहायक होगा.वे जिनका सम्बन्ध मसीह से है उनके जीवन में आनन्द है.वे उसे मार्ग में पदार्पण करते है जिसमें उनका पर टांग देते हैं. इन व्यक्तियों ने अपनी आशा की नेव मसीह पर डाली हैं.संसार के तूफान उन्हें इस पक्की नेव से डिगाने में असमर्थ होंगे.ककेप 221.4

    युवक पुरुष स्त्रियों, यह आप ही पर निर्भर है कि आप खरे और सच्चे उपयोगी विश्वासयोग्य पुरुष बनेंगे या नहीं.प्रत्येक परिस्थिति में सत्य के लिये स्थिर रहने का संकल्प कीजिए.हमारी अनुचित आदतें हमारे साथ स्वर्ग पर नहीं ले जाई जा सकती हैं. यदि हम उन पर यहाँ विजयी न हों तो वे धर्मियों के निवास स्थान का द्वारे हमारे लिए बन्द कर देंगी.सामना किए जाने पर हमारी बुरी आदतें विकराल रुप धारण करके हमसे युद्ध करेंगी,पर यदि बाल और धीरज के साथ युद्ध चलता रहा तो उन पर विजयी ठीक आदत डालने के लिए हमें सदचरित्र सम्पन्न व्यक्तियों के धार्मिक प्रभाव एवं संगति में रहना होगा.ककेप 221.5

    यदि युवक को पवित्र विचार शील प्रिय संगति में रहने के लिए मनाया जावे तो इसका प्रभाव कल्याणकारी होगा.यदि प्रभु का भय मानने वाले सज्जनों की संगति को अपनाया जावे तो उनका प्रभाव सत्य,कर्तव्य और पवित्रता की ओर पथ प्रदर्शन करेगा.वास्तविक मसीही जीवन भलाई के लिए शक्ति है. पर दूसरी ओर वे जो सन्देहात्मक चरित्र वाले मनुष्य स्त्री की संगति रखने वाले जन शीघ्र ही उसी पथ पर पदार्पण करेंगे, स्वाभाविक मनुष्य की प्रवृतियां पतन की ओर होती है.अविश्वास की संगति में रहने वाला अविश्वासी हो जावेगा. अधर्म की संगति में रहने वाला निश्चय अधर्म ही बनेगा. दुष्टों की युक्ति परककेप 221.6

    चलने वाले का पहला कदम पापियों के मार्ग में खड़े होने का और ठट्टा करनेहारों की बैठक में बैठने का सद्चरित्र निर्माण के इच्छुक व्यक्तियों को चाहिए कि ऐसे की संगति खोजें जो गम्भीर विचारशील मन वाले धार्मिक प्रवृति के पुरुष हों. जिन्होंने व्यय का मूल्यांकन किया है और अनन्तकाल का निर्माण करना चाहते हैं वे अपनी इमारत में ठीक सामान लगावें. यदि वे सड़ी गली लकड़ी चुनें और घटिया चरित्र से सन्तुष्ट हों जावें तो इमारत का नाश निश्चित है. हर एक सावधान रहे कि कैसा रद्दा रखता है. परीक्षा का तूफान इमारत पर आ लगेगा.यदि इमारत विश्वस्त रुप में दृढ़ न बनाई गई हो तो वह परीक्षा में स्थिर न रह सकेगी.ककेप 222.1

    सुनाम कुन्दन से बहुमूल्य है. युवक की यह प्रवृति है कि वह निम्न विचार व चरित्र वाले व्यक्तियों की संगति में रहें. निम्न विचार चरित्र और स्वभाव वाले मनुष्य की संगति में रहकर युवक क्या आशा कर सकता है? कितनों की रुचि निम्न कोटि की है अथवा वे निम्न आदतों से सम्पन्न हैं ऐसे जनों के सहवास में रहने वाले उन्हीं का अनुसरण करेंगे.ककेप 222.2

    मूर्खतापूर्ण विचार और भोग विलास की खोज में पहला कदम उठाने में कदाचित आप को कोई दृष्टिगोचर न होता हो कदापि आप सोचते हों कि अवसर आने पर आप अपना मार्ग तुरन्त बदल सकेंगे अथवा जितनी सरलता से आप ने भलाई से बुराई कीओर कदम उठाया था उतनी ही सरलता से भलाई से बुराई की ओर लौट सकेंगे. यह तो एक भूल है. दुष्ट संगति में पड़कर कदम व कदम सद्गुणी मार्ग से अनज्ञाकरिता एवं भ्रष्टशीलता की गहराइयों में फिसलते हैं जिसकी उन्होंने आशा न की थी.ककेप 222.3

    परमेश्वर यह नहीं चाहता है कि हम उन सभी वस्तुओं को त्याग दें जिनको रखे से हमें सुख और आनंद प्राप्त हो सकता.उसकी यही इच्छा है कि वे बातें जिनका रखना हमारे आनन्द और भलाई के बाधक हैं हम उनको त्याग दें.ककेप 222.4