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कलीसिया के लिए परामर्श

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    तराजू में तौला गया

    ईश्वर हमारा चरित्र,स्वभाव हृदय के विचार अपने पवित्रस्थान की तराजू से तौल रहा है.अपने छुड़ाने हारे के द्वारा जो हमारे लिए क्रूस पर मरा ताकि हमारे हृदय को अपना अंग खींच ले.यह सुनना अत्यन्त भयानक बात होगी ऐसी भयानक गलती जो कभी फिर सुधारी नहीं जा सकती.प्रिय नवजवान, मित्रों क्या ईश्वर की पुस्तक में आपका नाम खोजना व्यर्थ ही होगा?ककेप 246.2

    ईश्वर ने आप के लिए कार्य नियुक्त किया है जिसको करने से आप उसके सहकर्मी ठहरेंगे.आपके चारों ओर की आत्माओं को बचाना है ऐसे बहुत से लोग हैं जिनको आप अपने परिश्रम से सहायता दे सकते और जिनका साहस बंधा सकते हैं.आप आत्माओं को पाप से धार्मिकता की और मोड़ सकते हैं जब आपके हृदय में ईश्वर के प्रति उत्तरदायितव की भावना है तो आप प्रार्थना और बाट जोहने में विश्वास योग्य रहकर शैतान की परीक्षाओं पर जय पा सकते हैं यदि आप वास्तव में मसीही हैं तो हम संसार की नैतिक अंधकारमय दशा से बचने का प्रयत्न करेंगे तथा व्यर्थ कपड़ों के घमण्ड में नहीं फसेंगे.आप वास्तव हैं तो इस संसार को नैतिक अंधकारमय दसा से बचने का प्रयत्न करेंगे तथा व्यर्थ कपड़ों के घमंड में नहीं फसेंगे.आप उनमें से एक होंगे जो देश के वृणित कार्यों को देखकर रोते और कराहते हैं.आप शैतान की परीक्षाओं का विरोधकर आभूषणों के व्यर्थ की दिखावटी नहीं करेंगे.वह हृदय संकीर्ण है, और बुद्धि क्षुद्र है जो इन बनावटी,दिखावट बातों में पड़कर अपने महान उत्तरदायित्व का तिरस्कार करते हैं.ककेप 246.3

    यदि वे चाहते तो हमारे जमाने के नौजवान मसीह के सहकारी बन सकते हैं;और काम करने से उनका विश्वास मजबूत होगा और परमेश्वर के सम्बन्ध में उनके ज्ञान में बुद्धि होगी.हर एक सच्चा मनोरथ हर एक भला कार्य जीवन की पुस्तक में दर्ज किया जायेगा.काश कि मैं नौजवानों को जगा सकती कि वे अपनी आत्मतृप्ति के लिए जीवन-यापन करने के पाप को और इस जीवन की मामूली,व्यर्थ बातों के सब्बत अपने को क्षुद्र करने के शाप को देखें और महसूस करें.यदि वे अपने विचारों की इस संसार के व्यर्थ के आकर्षण से ऊपर उठाएं और ईश्वर की महिमा को अपना लक्ष्य बनाएं तो वह शान्ति, जो सारी समझ से परे हैं उनके हृदयों की रक्षा करेगी.ककेप 246.4

    ईश्वर नौजवानों को उत्साही व्यक्ति बनाना चाहता है जो हर भले कार्य के लिए तैयार और अपना उत्तरदायित्व निभाने में तत्पर हों. ईश्वर ऐसे नौजवानों को निमंत्रित करता है, जिनका हृदय शुद्ध,मजबूत और निडर, और संघर्ष में लड़ने के लिए तत्पर है कि ईश्वर की महिमा हो और मानवता को आशीष मिले.यदि नौजवान बाइबल को अपने अध्ययन का विषय बनाकर अपने सृजनहार और उद्धारकर्ता का शब्द सुनें तो वे न केवल ईश्वर से शान्ति ही परन्तु अपने आप को उच्च विचारों में उन्नत पायेंगे.ककेप 247.1

    जहां कहीं भी आप जायें प्रकाश अपने साथ लेते जायें तो कि आप के उद्देश्यों में शक्ति है न कि आप अस्थिर व्यक्ति हैं, जो बुरी संगति के प्रभाव से आसानी से बचाये जाते हैं.उन मनुष्यों के सामने जो ईश्वर का अनादर करते हैं उनके सम्मानों का तुरन्त समर्थन न कीजिए किन्तु उन्हें बुराई से बचाकर यत्न कीजिए.ककेप 247.2

    ऐसे मनुष्यों को जो स्वयं का विरोध करते हैं उनके लिए प्रार्थना कीजिए और पूरी नम्रता और आत्मा की दीनता से उन्हें समझाइये.एक आत्मा के बचाये जाने से, और उसे मसीह के झंडे तले लाने से,स्वर्ग में आनन्द होगा और आप के मुकुट में आनन्द का एक सितारा लग जायेगा.एक बची हुई आत्मा उसके ईश्वरीय प्रभाव से दूसरी आत्माओं को उद्धार के ज्ञान तक पहुंचायेगी.इस प्रकार कार्य बढ़ता जायेगा और केवल उस अन्तिम न्याय के दिन हो वह सम्पूर्ण कार्य हो जायेगा.ककेप 247.3

    ईश्वर के कार्य करने में इसलिए न हिचकिचायें कि आप बहुत थोड़ा कार्य कर सकते हैं,थोड़ा सा कार्य भी विश्वास से कीजिए और ईश्वर आप के प्रयत्नों पर आशीष देगा.वह आप का नाम जीवन की पुस्तक में लिखकर आप को प्रभु के आनन्द में सम्भागी होने के योग्य बनाएगा.ककेप 247.4