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कलीसिया के लिए परामर्श

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    औषधियों का उपयोग

    विषैली औषधियों के आम इह्यतेमाल को आदत अत्यधिक बीमारी और अधिक गम्भीर बुराइयों की बुनियाद डाल रही है, जब रोग आक्रमण करता है तो अनेक लोग अपनी अस्वस्थता का कारण ढूंढने का कष्ट नहीं करते.उनकी सारी चिन्ता यही है कि दर्द तथा कष्ट दूर हो जाय. ककेप 302.4

    विषैली औषधियों के प्रयोग से अनेकों अपने लिये जीवन का रोग पाल लेते हैं, और बहुत से लोगों के प्राण जाते रहते हैं जो प्राकृतिक ढंग की चिकित्सा से बचाये जा सकते थे.ऐसी बहुत सी तथाकथित औषधियों का विष ऐसी आदत तथा क्षुधा उत्पन्न कर डालता है जिससे आत्मा और देह दोनों को हानि होती है.बहुत सी पेटेन्ट औषधियां और चिकित्सकों द्वारा तैयार की गई औषधियां भी शराब की,अफीम की लत डालने की बुनियाद डाल रही हैं जो समाज के लिये एक खतरनाक अभिशाप है.ककेप 302.5

    गोलियों तथा औषधियों द्वारा रोग की चिकित्सा करना एक श्राप है.औषधियों से दूर रहने के लिये शिक्षित कीजिये.उनका प्रयोग बहुत कम कीजिए;अधिकतर सफाई के साधनों पर भरोसा कीजिए; फिर देखिये प्रकृति परमेश्वर के चिकित्सकों, स्वच्छवायु, जल यथोचित व्यायाम,निर्दोष अन्तकरण के अनुकूल हो जायगी.जो चाय,कॉफी तथा मांसाहार के प्रयोग में हठ करते हैं वे औषधियों की जरुरत महसूस करेंगे, परन्तु बहुत से लोग औषधि के एक गोली बिना स्वस्थ हो जाते यदि वे केवल स्वास्थ्य के नियमों का पालन करते.औषधियां तो कभी-कभार ही प्रयोग करनी चाहिये.ककेप 302.6