Loading...
Larger font
Smaller font
Copy
Print
Contents

कलीसिया के लिए परामर्श

 - Contents
  • Results
  • Related
  • Featured
No results found for: "".
  • Weighted Relevancy
  • Content Sequence
  • Relevancy
  • Earliest First
  • Latest First

    “तुम्हारा उद्धार निकट है’‘

    जब मैं भयंकर आपदाओं का वर्णन सुनती हूँ जो हर हफ्ते हो रहे हैं तो अपने से ये प्रश्न पूछती हूँ: इन बातों का क्या अर्थ है? सबसे भयंकर विपत्तियां वेग से एक दूसरे के पश्चात् आ रही हैं.बार-बार हम भूचाल, आंधी,अग्नि व बाढ़ द्वारा क्षति तथा प्राणों व सम्पति की हानि के बारे में सुनते हैं.प्रत्यक्ष में ये  आपदायें अव्यवस्थित,अनियंत्रित शक्तियों का उमंगी विस्फोट ही है जिनमें परमेश्वर का मनोरथ पढ़ा जा सकता है.वे एक साधन हैं जिनके द्वारा वह पुरुष स्त्रियों को खतरे की भावना की ओर से जगाता है. ककेप 361.5

    मसीह का आगमन हमारे प्रथम विश्वास लाने के समय से और भी निकट है.महान वादविवाद अपने अंत के निकट पहुंच रहा है.परमेश्वर का कोप पृथ्वी पर आ गया है.वह गंभीर चितावनी के साथ कह रहा है, “इस तुम भी तैयार रहो, क्योंकि जिस घड़ी के विषय में तुम सोचते भी नहीं हो उसी घड़ी मनुष्य का पुत्र आ जाएगा.’’(मत्ती 24:44)ककेप 362.1

    परन्तु हमारी मंडलियों में बहुत हैं जो इस समय के सत्य का वास्तविक मतलब नहीं जानते. मैं उनसे प्रार्थना करती हूँ कि समय के चिन्हों को पूरा होते देख उनकी अवहेलना न कीजिए जो यह स्पष्टता से कह रहे हैं कि अन्त निकट है.आह, कितने हैं जिन्होंने अपनी आत्मा की रक्षा की खोज नहीं की वे फूट फूट कर रोएंगे: ‘‘कटनी का समय बीत गया, फल तोड़ने की ऋतू भी बीत गई और हमारा उद्धार नहीं हुआ.’‘ककेप 362.2

    हम इस पृथ्वी के इतिहास के अंतिम दृश्यों में रहते हैं.भविष्यवाणी शीघ्र पूरी हो रही है. क्षमा काल की घड़ियां शीघ्र ही गुजर रही हैं.हमारे पास समय या क्षण नष्ट करने को नहीं हैं.हमें अपनी चौकी पर सोते नहीं पाया जाना चाहिये.कोई अपने कर्मों से यह न कहें. “मेरा स्वामी आने में विलम्ब करता है.मसीह के शीघ्रगमन का संदेश चेतावनी के उत्साहपूर्ण शब्दों में प्रचार किया जाय.’’आइये;हम पुरुष और स्त्रियों को पश्चाताप की ओर आने वाले कोप से भागने को फुसलावें.हम उनको उकसावें कि शीघ्र तैयारी करें क्योंकि हम नहीं जानते कि हमारे सन्मुख क्या है.कर्मचारियों और अवैतनिक सदस्य पके हुये खेतों में जाकर लापरवाही और उदासीनी से कहे कि परमेश्वर की तलाश कीजिए जब कि वह मिल सकता है.कर्मचारी जहां कहीं वे बाइबल के विसरे हुये सत्य का प्रचार करेंगे वहीं कटनी(फसल) तैयार पायेंगे.उनको वे लोग मिलेंगे जो सत्य को ग्रहण करेंगे और मसीह के लिये अपने जीवन की आत्माओं को जीतने में व्यतीत करेंगे.ककेप 362.3

    प्रभु शीघ्र ही आने वाला है और हमें उसको शांति के साथ मिलने के लिये तैयार रहना चाहिये.आइये हम पक्के इरादे से जो कुछ हमारे बस की है उससे अपने इर्द गिर्द के लोगों को प्रकाश पहुंचावें.हमें शोकित नहीं किन्तु प्रसन्न होना चाहिये और प्रभु यीशु को सदा अपने सन्मुख रखना चाहिये.वह शीघ्र आ रहा है और हमको उसके आगमन के लिये तैयार और बाट जोहते रहना चाहिये.आह ! उसको देखना और उसके मोल लिये हुये लोगों को स्वागत किया जाना कितना महिमामय होगा !चिरकाल से हम इतिजार कर रहे हैं पर हमारी आशा धुंधली नहीं होनी चाहिये.यदि हम सम्राट को उसके सौन्दर्य में देख सकें तो हम सर्वदा धन्य होंगे.मैं ऐसा महसूस करती हूँ कि ऊंचे स्वर से चिल्ला उतुंः’’हम घर जा रहे हैं हम उस समय के निकट आ रहे हैं जब मसीह सामर्थ्य और बड़ी महिमा के सत्य अपने छुड़ाये हुओं को अपने अनन्त घर में ले जाने को आयेगा.’‘ककेप 362.4

    महान अंतिम समय के काम में हमें ऐसी कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा जिसका हमें मालूम नहीं कि कैसा प्रबंध करना है परन्तु हमें भूलना नहीं चाहिये कि स्वर्ग की तीन बड़ी शक्तियां कार्यरत है और ईश्वरीय हाथ पतवार के ऊपर है और कि परमेश्वर अपनी प्रतिज्ञाओं को पूरा करेगा.वह संसार से एक सम्प्रदाय को जमा करेगा जो धार्मिकता से उसकी सेवा करेंगे.ककेप 362.5