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मसीही सेवकाई

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    परिक्षा की प्रक्रिया

    जीवन के अलग-अलग अवसरों पर परमेश्वर हमे जाचता और सिद्ध करता है। ये छोटी-छोटी बाते है। जो हष्दय के भाषा को प्रगट करती है। ये थोड़ा सावधान, थोड़ी सी फिक, अनेक छोटी घटनायें और जीवन का साधारण व्यवहार जो जीवन को खुशियों से भर देता है। और साथ ही दयालुता, प्रोत्साहन, आत्मियता के प्रेम भरे शब्द, और समय पर किये गये अच्छे व्यवहार व कार्य जो नकार दिये जाये, तो वे जीवन को दुःख और विपत्ति से भर देते हैं। और अंत में यही देखा गया कि जो हमारे आस-पास है उनकी भलाई और खुशी के लिये जिसने भी स्वयं का इंकार किया है। उसे ही स्वर्गीय पुस्तों में एक बड़ा भाग मिलने के लिये ठहराया जायेगा। (टेस्टमनीज फॉर द चर्च 2:133)ChsHin 262.1

    मैंने देखा कि यह परमेश्वर की ओर सेउसकी कलीसिया को प्रदान किया गया है कि विधवा, अनाथ, अंधे, बहरे, लंगड़े और विभिन्न प्रकार से पीड़ितों को मसीही कलीसियाओं से जोड़ा है। और ये प्रभु के लोगों के सच्चे चरित्र को बताने और सिद्ध करने के लिये है, परमेश्वर के दूत निगरानी करते हैं कि ऐसे लोगो से हम कैसे व्यवहार करते है? जिन्हें हमारी सहानुभूति, प्रेम और निस्वार्थ भलाई की जरूरत होती है। ये हमारे चरित्र की जांच परमेश्वर की ओर से होती है। यदि सही में बाईबल की सच्चाई हमारे पास है, हम यह महसूस करेंगे कि प्रभु दयालुता और रूचि जो यीशु ने हमें प्रदान की है, हम उसे उन भाईयों को देना है। और इस तरह हम अपनी कप्तज्ञता को प्रभु को दिखला सकते है कि जब हम पापी ही थे, प्रभु ने हमसे असीमित प्रेम किया, हम तो उसकी दया के योग्य भी न थे। यदि हम भी उसी प्रकार की गहरी रूचि, निस्वार्थ,प्रेम उन भाईयों को करें, जो हमसे कही ज्यादा बंद किस्मत है। जरूरतंमद है। (टेस्टमनीज फॉर द चर्च 3:511)ChsHin 262.2

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