वर्तमान ईनाम
प्रसन्नता वे जो अपना जीवन प्रभु यीशु का सा जीवन लोगों की सेवा कार में लगाते है, व सच्चे प्रसन्नता का अर्थ जानते है उनको रुचि और प्रार्थनाये स्वयं के लिये न होकर बहुत दूर तक पहुंचती है। वे अपने आप दूसरों की सहायता करने में करने में बढ़ रहे है। वे बडी बडी योजनाओं से परिचित होते है, बहुत बड़ा परिवर्तन लाने वाले काम और तब भी वे किस प्रकार वर्षद्ध करते जब वे अपने आप को प्रभु यीशु की अदभुत ज्योति व आशिष में जोडते है। ऐसे लोग स्वर्ग से योजनाओं में उसके साथ परिचित होते जाते हैं कही भी कोई मौका ही नही होता कि आत्मिक रुकावट रास्ते में आये। (टेस्टमनीज फॉर द चर्च —9:42)ChsHin 341.3
जो कलीसिया सफलता पूर्वक इस कार्य में जुडती है वह बड़ी खुश है। वह स्त्री या वह पुरुष जिनका जीवन सहानुभुति और प्रेम के द्वारा, बुराईयों के बीच से निकाल लिया गया, और जो इन लोगों को प्रभु यीशु के चारागाह में लाने का भरसक प्रयास करते है, वे ही इस आशिषित काम में जुटे हुये है। और देखो। क्या ही आत्मा को आनन्दित करने वाला विचार है।कि जब भी एक पापी मन फिरता है, तब स्वर्ग में कही अधिक खुशियाँ मनाई जाती है। जो उन नब्बे ओर नौ व्यक्तियों के फिरने पर नही होती। (टेस्टमनीज फॉर द चर्च —2:22) ChsHin 342.1
जो परमेश्वर की इच्छा पर सब कुछ छोड देता है, उसके लिये कठिन परिश्रम कछ भी नही। “प्रभु के कलये ही करना” ये ही विचार ऐसे हर काम को करने में प्रसन्नता प्रदान करता है जो परमेश्वर उसे करने को देता है। (टेस्टमनीज फॉर द चर्च —9:150)ChsHin 342.2
एक मसीही कार्यमा परमेश्वर द्वारा नियुक्त कार्य को करने में कठिन परिश्रम से नही डरता। वह अपने परमेश्वर की खुशी में शामिल होता है, यह देखकर कि आत्मायें कि प्राकर पाप की गुलामी छुडाई गई हैं और ये खुशी उसे स्वयं का इंकार करने की बदौलत मिलती है। (द सदर्न वॉचमेन-2 अप्रैल 1903)ChsHin 342.3
परिश्रमी बनना, धैर्य पूर्वक भालाई के काम करते जाना, जिसे स्वयं का इंकार करने वाला परिश्रम कहते है, एक महिमामयी काम है, जिसे देखकर स्वर्गदूत मुस्कुराते है। (टेस्टमनीज फॉर द चर्च -2:24)ChsHin 342.4
प्रभु यीशु अधिकतर किसी नामुराद, बिना किसी काम या आशा के व्यक्ति को ही पसंद करता है, जिसे शैतान ने बिल्कुल ही नीचे गिरा दिया है, जिससे होकर जिसकी मदद से उसने बुराई के सारे काम करवाये, किन्तु अब वे प्रभु की दया पाने के लिये ठहराये, किन्तु अब प्रभु उन्हे अपनी सन्तान अपने काम को पूरा करने वाले माध्यम बनाता हैं और उसकी सफलता उसे इस जीवन के किमती उपहार के रुप में मिलती हैं। (टेस्टमनीज फॉर द चर्च -6:308,309)ChsHin 342.5