Loading...
Larger font
Smaller font
Copy
Print
Contents

मसीही सेवकाई

 - Contents
  • Results
  • Related
  • Featured
No results found for: "".
  • Weighted Relevancy
  • Content Sequence
  • Relevancy
  • Earliest First
  • Latest First

    औद्योगिक शिक्षा

    ऐसे अनेकों गरीब परिवार हैं जिनकी भलाई के लिये अभी तक कोई ऐसा काम नहीं किया गया जो उन्हें एक जगह स्थापित कर उन्हें ये सिखाये कि जीविका कैसे कमाई जाती है। इस प्रकार की सहायता और निर्देश षहरों में नही किये जा सकते। यहां तक की देश में भी, जहां अघि क संभावना है, ऐसे लोगों को बेहतर जीवन जीने के लिये कोई प्रयास नहीं किये गये । बेचारे गरीबों को काम की आवश्यकता है। इनका परा समाजChsHin 167.2

    औद्योगिक प्रशिक्षण और अन्य सेवाओं से दूर रखा जाता है। बहुत से परिवारों को छोटे-छोटे मकानों में रहना पड़ता, जिसमें फर्नीचर व घरेलू सामान कपड़े, किताबें, अन्य उपकरण आदि की कमी होती है। आरामदेह साधन व सुविधाओं का अभाव तथा संस्कृति की कमी पाई जाती है। असभ्य कमजोर षरीर, भद्दे दिखने वाले, अपनी वंषानुक्रम के पिछड़ेपन को परिभाशित करते हैं, जिनमें प्रारंभ से ही बुरी आदतें पाई जाती हैं। इन लोगों को प्रारंभ से ही शिक्षित किया जाना चाहिए। इनका जीवन हमेषा से बुरा तथा भ्रश्ट रहा है, क्यों न इनमें भी शिक्षित प्रशिक्षित कर सही आदतें डाली जायें। (द मिनिस्ट्री ऑफ हीलिंग-192)ChsHin 167.3

    विभिन्न उद्योगों को स्थापित किये जाने पर ध्यान देना चाहिये, जिससे गरीब परिवारों को काम मिल सके। बढ़ई, लोहार तथा अन्य सभी कोई न कोई काम करना अवश्य जानते है। उन्हें ये महसूस करना चाहिए कि वे दूसरों को सिखाने में और जिन्हें काम नहीं आता उन्हें बताने में मद्द करें जो बेरोजगार हैं। (द मिनिस्ट्री ऑफ हीलिंग-194)ChsHin 167.4

    मसीही किसान वास्तव में गरीबों की भलाई के लिये काम कर सकते हैं। वे उन्हें जमीन पर घर बनाने के साथ-साथ फसल के लिये भूमि तैयार करना और उसे उपजाऊ बनाने की शिक्षा देना आदि। उन्हें कषश करने में काम आने वाले उपकरणों का प्रयोग विभिन्न प्रकार की फसलों को उगाना तथा पौधे रोपना और बागों की रखवाली करना आदि काम सिखाना। (द मिनिस्ट्री ऑफ हीलिंग — 193) ChsHin 168.1

    गरीबों की सहायता के लिये स्त्री व पुरूशों दोनों के लिये काफी क्षेत्र हैं जहां वे काम कर सकते है। एक अच्छा रसोईया, चौकीदार, कपड़े सिलना, परिचारिका (नर्स) आदि सभी की जरूरत पड़ती है। ऐसी गरीब स्त्री-पुरूशों को कपड़े सिलना, खाना बनाना बिमारों की देखभाल करना, घर की रखवाली करना आदि काम सिखाये जायें। लड़के व लड़कियों को कोई उपयोगी काम-काज और उद्योग करना सिखाया जाये। (द मिनिस्ट्री ऑफ हीलिंग-194)ChsHin 168.2