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शैतान की सबसे घातक योजना ककेप 298

शैतान ने अपने दूतों को जमा किया कि मानव परिवार को हानि पहुंचाने के हेतु कोई योजना रचे.योजना पर योजना पेश की गई जब कि शैतान के ख्याल में एक योजना आई.वह उन पदार्थों को लेकर जिन्हें परमेश्वर ने भोजन के रुप में दिया है जैसे अंगूर और गेहूं,मनुष्य की शारीरिक, मानसिक तथा नैतिक शक्तियों को बिगाड़ने के लिये विष में बदल डालेगा और इस प्रकार चेतन इन्द्रियों को ऐसे काबू में कर ले कि शैतान का पूरा सिक्का आत्मा परजम जाय.शराब के प्रभावधीन मनुष्य हर प्रकार के अपराध कर डालेंगे. भ्रष्ट क्षुधा के द्वारा जगत भ्रष्ट हो जायगा.लोगों को मदिरा पिलाकर शैतान उन्हें तराजू के पलड़े में अत्यंत भारी जचवायेगा. ककेप 298.5

शैतान दुनिया को शराब, तम्बाकू, चाय और कॉफी के उपयोग के द्वारा गुलामी में ला रहा है.परमेश्वर दत्त बुद्धि जिसे स्वच्छ रहना चाहिये निद्रात्मक औषधियों के प्रयोग द्वारा भ्रष्ट हो जाती है.मस्तिष्क सही निर्णय देने योग्य नहीं रहता.शत्रु का नियंत्रण हो चुका है.मानव ने अपना विवेक पागल करने वाली वस्तु के लिये बेच डाला है.उसे अब सत्य का कोई ज्ञान नहीं रहा है. ककेप 299.1

हमारे सृजनहार ने मानव के ऊपर उदार हृदय से अपनी उदारताएं बरसाई हैं.यदि परमेश्वर की ये आशीषे बुद्धिमता तथा संयमता से उपयोग की जाती तो पृथ्वी पर से दरिद्रता,बीमारी तथा दुर्भाग्य प्राय:दूर हो जाती.परन्तु खेद की बात है कि हम चारों ओर मानव के दुराचार के कारण परमेश्वर को देनों को आप में बदले हुये देखते हैं. ककेप 299.2

परमेश्वर की अनमोल देनों को भ्रष्ट करने तथा दुरुपयोग करने का कोई वर्ग इतना अधिक दोषी नहीं है जितना वह वर्ग है जो धरती की पैदावार को नशीली शराब बनाने में इतेमाल करता है.पौष्टिक अनाज स्वास्थ्यकर,स्वादिष्ट फल,उत्तेजिक पेयों में परिवर्तन किये जाते है जो ज्ञान इन्द्रियों को भ्रष्ट और मस्तिष्क को पागल कर देते हैं.उन विषों को उपयोग कि परिणाम स्वरुप हजारों परिवार जीवन के सुख तथा आवश्यकीय वस्तुओं से वंचित रहते हैं,हिसांत्सक कार्यों तथा अपराधों की संख्या बढ़ जाती है, और रोग तथा मृत्यु लाखों पीड़ितों को शराबी की कब्र में झोंक देती है. ककेप 299.3