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आत्मिक जीवन को पुनर्जीवित करने की जरुरत ककेप 332

मुझे अपने लोगों से कहने का आदेश मिला है.आइये हम मसीह का अनुकरण करें.उसको सारी बातों में अपना नमूना होने को न भूलिये.हम उन विचारों को कुशलता से अलग करें जो उसकी शिक्षा में नहीं पाये जाते.मैं अपने कर्मचारियों से विनती करती हूं कि निश्चय कर लें कि पांव अनन्त सत्य के पलाट फार्म में खड़े हैं.सावधान होना कि कहीं आप उमंग का अनुकरण न कर रहे हो और उसको पवित्र आत्मा कहने लगे.कुछ लोग इस दिश में हैं. मैं उनसे प्रार्थना करती हूं कि विश्वास में दृढ़ हों और जो कोई उन से उस विषय में जो उनमें है कुछ पूछे उसको उत्तर देने को सदा तैयार रहें.शत्रु हमारे भाई और बहनों का ख्याल एक सम्प्रदाय को तैयार करने के काम से कि वे इन अंतिम दिनों में कायम रह सकें फेरना चाहता है. उसके मिथ्यावादनुवाद का अभिप्राय यह है कि उस घड़ी के खतरों तथा कर्तव्यों से लोगों के ख्यालों को हटा ले. जिस प्रकाश को मसीह स्वर्ग से आकर योहना को देने आया कि वह उसे लोगों को पहुंचावे वे उसका मूल्य शून्य के बराबर आंकते हैं. वे सिखलाते हैं कि जो हमारे आगे है इतना काफी महत्व नहीं रखते कि उन पर ध्यान आकर्षित किया जाय.वे उस स्वर्गीय उत्पत्ति के सत्य को अप्रभावित करते हैं और परमेश्वर के लोगों से उनका बीता हुआ अनुभव छीन लेते हैं और बदले में मिथ्या विज्ञान देते हैं. ककेप 332.2

यहोवा यों भी कहता है कि सड़कों पर खड़े होकर देखो और पूछो कि प्राचीन काल का अच्छा मार्ग कौन सा है उसी में चलो.’’(यिर्मयाह 6:16) ककेप 332.3

परमेश्वर खरी साक्षी की जो पिछले वर्षों में दी गई थी नवोनिकरण की माँग करता है.वह आध्यात्मिक जीवन के नवी निकरण की मांग करता है. उसके लोगों की आत्मिक शक्तियां बड़ी मुद्दत से सुनी पड़ गई हैं कि प्रत्यक्ष मृत्यु से उनका पुनरुत्थान होना अवश्य है. ककेप 332.4

प्रार्थना और पाप को मान लेने द्वारा हमको सम्राट के राजमार्ग को साफ करना है.जब हम ऐसा कार्य करेंगे तो पवित्र आत्मा की शक्ति हमारे ऊपर आवेगी.हमको पेन्तिकोष्ट की शक्ति की आवश्यकता है.यह शक्ति अवश्य आवेगी क्योंकि प्रभु ने अपनी आत्मा भेजने को वायदा किया हैजो सब पर जय करने वाली शक्ति है. ककेप 332.5

हमारे सामने कठिन समय है.हर एक को जिसे सत्य का ज्ञान है जाग कर अपने को देह,आत्मा और प्राण समेत परमेश्वर के सुधार के अधीर रखना चाहिए.शत्रु हमारे पीछे लगा हुआ हैं.हमें सतर्क होकर अपनी चौकसी करनी चाहिए हमें परमेश्वर के सम्पूर्ण अस्त्र पहिन लेना चाहिए. हमें नबूवत के आत्मा द्वारा दिये गये आदेशों को अनुकरण करना चाहिए.हमें इस समय की सच्चाई से प्रेम करना तथा उन पुस्तकों द्वारा वार्तालाप की है.उसने हम से कलीसिया की साक्षियों द्वारा तथा पुस्तकों द्वारा जिनसे हमारे कर्तव्य तथा हमारी वर्तमान स्थिति को स्पष्ट करने में सहायता मिली है,वार्तालाप की है.चितावनियों पर जो आज्ञा पर आज्ञा,नियम पर नियम स्वरुप दी गई हैं ध्यान देना चाहिए.यदि हम उनकी उपेक्षा करें तो फिर हम कौन सा बहाना पेश कर सकते हैं? ककेप 333.1

मैं उनसे विनती करती हैं कि जो परमेश्वर के लिए काम कर रहे हैं असली के बदले जाली को स्वीकार न करें.मानवी तर्क को ईश्वरीय पवित्र करने वाले सत्य का स्थान नहीं देना चाहिए.मसीह अपने लोगों के दिलों में विश्वास और प्रेम की ज्वाला सुलगाने को ठहरा हुआ है.जिन लोगों को अनन्त सत्यों को प्लाटफार्म पर दृढ़ता से खड़ा रहना चाहिए उन्हें गलत सिद्धांतों को स्वीकृति न देनी चाहिए.परमेश्वर हम से चाहता है कि उन मौलिक सिद्धांतों को मजबूती से थामे रहें जिनकी नींव अचूक अधिकार के ऊपर पड़ी है. ककेप 333.2