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अध्याय 62 - छंटनी का समय ककेप 344

प्रेरित भाइयों को दिलासा देता है और कहता है,” अंत में, हे मेरे भाइयो मैं यह कहता हूँ कि प्रभु में और उसकी शक्ति के प्रभाव में बलवन्त हो रहो.ईश्वर के सम्पूर्ण हथियार बांध लो जिसमें तुम ...खड़े रह सको.” आह,हमारे सामने कैसा गंभीर समय है! जो लोग परमेश्वर की संतान होने का दावा करते हैं उनके बीच कैसी छंटनी होगी !अन्यायी न्यायियों के बीच में पाये जायंगे.जिनके पास विशाल ज्योति है और उसमें चले नहीं है उन पर उसी प्रकाश की समानता का अंधकार भी छा जायगा जिसको उन्होंने तुच्छ जाना था.पौलुस के वचनों में जो पाठ लाया जाता है उस पर हमें ध्यान देना चाहिये.’’परन्तु मैं अपने देह को ताड़ना करके वश में लाता हूं ऐसा न हो कि औरों को उपदेश दे के आप ही किसी रीति से निकृष्ट बनूं.’’शत्रु यथा शक्ति कोशिश कर रहा है और शीघ्र ही हर एक व्यक्ति का अनन्तकाल के लिये निर्णय हो जावेगा.जिनके कार्य इस प्रकाश के अनुकूल होंगे जो ईश्वर कृपा से दिया गया है उनकी गिनती परमेश्वर के ओर की जायगी. ककेप 344.1

परन्तु मंडली की शुद्धि के दिन शीघ्रता से आ रहे हैं. परमेश्वर के पास एक पवित्र और सच्चे लोग होंगे.उस विशाल छैटनी में जो शीघ्र ही होने वाली है हम इस्राएल की सामर्थ्य को नापने के योग्य होंगे.लक्ष्णदि प्रकाशित कर रहे हैं कि वह समय सन्निकट है जब ने प्रकट करेगा कि उसका छाज में है और उस समय वह अपने खलिहान को अच्छी तरह साफ करेगा. ककेप 344.2