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स्थानीय मंडली के अफसरों को चुनाव तथा अभिषेक ककेप 108

पौलुस प्रेरित तीतुस को यों लिखता है ‘तू शेष रहो हुई बातों को सुधारे और मेरी आज्ञा के अनुसार नगर-नगर प्राचीनों को नियुक्त करे.जो निर्दोष और एक ही पति के पत्नी हों, जिन के लड़के वाले विश्वासी हो, और जिन्हें लुचपन और निरंकुशता का दोष नहीं. क्योंकि अध्यक्ष को परमेश्वर का भण्डारी होने के कारण निर्दोष होना चाहिए,न हठी न क्रोधी,न पियक्कड, न मारपीट करने वाला,और न नीच कमाई का लोभी.’’(तीतुस 1:5-7)’’किसी पर शीघ्र हाथ न रखना और दूसरों के पापों में भागी न होना आपने आप को पवित्र बनाए बनाए रख.’’(1 तीमुथियुस 5:22) ककेप 108.3

हमारा कतिमय मंडलियों में संस्थान तथा अध्यक्षों को अभिषेक करने का कार्य यथोचित समय से पूर्व किया गया;इसमें शास्त्र के नियमों की अवहेलना की गई अत: मंडली बड़े संकट में पड़ गई.नेताओं के चुनाव में जल्दबाजी नहीं करनी चाहिये कि ऐसे पुरुषों को अभिषिक्त करें जो जिम्मेवारी के काम के योग्य नहीं हैं-ऐसे लोग जिन्हें स्वयं हृदय परिवर्तन,उन्नति,उदारता,शुद्धता की आवश्यकता है इससे पहिले कि वे परमेश्वर के कार्य में कोई भी स्थान ले सकें. ककेप 108.4