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अध्याय 19 - मसीही परमेश्वर को प्रगट करें ककेप 136

परमेश्वर का यह एकमात्र अभिप्राय है कि अपने लोगों के द्वारा वह अपने राज के सिद्धातों को प्रकट करे. इन सिद्धांतों को वे अपने जीवन तथा चरित्र से प्रकट करें इस उद्देश्य से वह उन्हें संसार के रीत-दस्तूरों से अलग रखना चाहता है. वह उनको अपने निकट लाना चाहता है ताकि उन पर अपनी इच्छा प्रकट कर सके. परमेश्वर आज अपने लोगों द्वारा वही उद्देश्य पूरा करना चाहता है जिसे उसने इस्राएलियों द्वारा पूरा करना चाहा था जब वह उन्हें मिस्र से निकाल लाया था. ककेप 136.1

परमेश्वर की भलाई,दया, न्याय तथा प्यार को कलीसिया में प्रदर्शित देखकर संसार के लोग उसके चरित्र का नमूना प्राप्त करेंगे और जब परमेश्वर की व्यवस्था इस प्रकार जीवन में प्रदर्शित की जायगी तो संसार भी पृथ्वी के अन्य लोगों की अपेक्षा उनकी श्रेष्ठता को स्वीकार करेगा जो परमेश्वर को प्यार करते, उसकी सेवा करते और उसका भय मानते हैं. ककेप 136.2

परमेश्वर की आँख अपने लोगों में से प्रत्येक के ऊपर हैं;प्रत्येक के लिए उसके पास एक योजना है. उसका इरादा है कि जो उसके पवित्र सिद्धांतो का पालन करते हैं वे एक पृथक लोग बनें. प्रेरणा के आत्मा द्वारा मूसा के हाथ से लिखे गये वाक्य जिस प्रकार प्राचीन इस्राएल के लिए योग्य थे उस प्रकार आज वे परमेश्वर के लोगों के लिए उपयुक्त हैं:’’क्योंकि तू अपने परमेश्वर यहोवा की पवित्र प्रजा है; यहोवा ने पृथ्वी भर के सब देशों को लोगों में से तुझ को चुन लिया है कि तू उसकी प्रजा और निजधन ठहर.’’(व्यवस्थाविवरण 7:6) ककेप 136.3