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संस्थागत कार्य ChsHin 178

स्वास्थ्य केन्द्र एवं निदान केन्द्र की स्थापना होना चाहिए, हमारे इस प्रयास में हमें समुद्र के किनारे के बड़े-बड़े आश्रय स्थानों को सम्मिलित करना होगा। जैसे युहन्ना वपसिस्मा देने वाले की आवाज जंगलों में गूंजती थी। ” प्रभु के लिये मार्ग तैयार करो ।” ठीक उसी प्रकार परमेश्वर के संदेश वाहकों की आवाज बड़े पर्यटक केन्द्रों और समुद्र किनारे के आश्रय गष्हों में गूंजेगी। (टेस्टमनीज फॉर द चर्च- 7:55, 56) ChsHin 178.5

मुझे ऐसा दिखाया गया है कि कई षहरों में जितने भी खान-पान गृह हैं, उन्हें सुधार गृह अथवा इलाज कक्ष से सम्बद्ध किया जाये। दोनों मिलकर सही आदर्शो को बनाये रखेंगे। इसी से संबंधित यह भी सलाह दी जाती है कि कुछ ऐसे स्थान हो जो बीमारों को ठहरने व उनकी देखभाल के लिये हों। ऐसे संस्थान बड़े-बड़े स्वास्थ्य सुधार गृहों को जो देश भर में फैलें हैं, मद्दगार साबित होंगे। (टेस्टमनीज फॉर द चर्च- 7:60) ChsHin 179.1

प्रभु ने हमारे षहरों के लिये भी संदेश दिया है, और ये संदेश हमें अपने जन सभागृहों और अन्य सार्वजनिक कार्यक्रमों के द्वारा तथा प्रकाशनों के द्वारा सुनाया व बताया जाना चाहिये। इसी के साथ षहरों में स्वच्छ खान-पान गृह भी स्थापित होना चाहिए जिनके द्वारा ‘संयम’ का संदेश सुनाया जाना चाहिये। स्वल्पाहार गृह बनाने के संबंध में सभायें करने के लिये व्यवस्था की जाये। जहाँ भी संभव हो, एक कमरे की व्यवस्था की जाये जिसमें उनके संरक्षक बुलाये जा सकें कि वे स्वास्थ्य विज्ञान और मसीही स्वभाव के विशय पर व्याख्यान वे सकें। जहाँ वे अच्छा और स्वास्थ्यवर्धक भोजन बनाने के लिये निर्देश प्राप्त कर सकें और अन्य आवश्यक बातें भी जान सकें। (टेस्टमनीज फॉर द चर्च- 7:115) ChsHin 179.2

जो भी हमारे स्वल्पाहार गष्ह में आयेंगे, उन्हें पढ़ने के लिये पत्र-पत्रिकायें दिये जायें। उनका ध्यान हमारे साहित्य पर जिसमें संयम रखने एवं जीवन-संजीवन तथा प्रभु यीशु के जीवन के पाठ व उदाहरण छोटी-छोटी पत्र-पत्रिकाओं के जरिये उन तक पहुँचाया जाये । इस पाठ्य सामग्री को पहुंचाने का काम भी हमें मिलकर करना होगा। जो भी आयें वे इन पुस्तको को अवश्य पढ़ें। कई लोग इसे नज़र अंदाज करेंगे किन्तु कुछ उस रौशनी की खोज में होंगे, कि वे पढ़कर स्वयं जाने और दूसरो को भी बतायें। (टेस्टमनीज फॉर द चर्च- 7:116) ChsHin 179.3

मुझे यह निर्देश दिया गया कि बड़े-बड़े नगरों के स्वच्छ खान-पान गष्ह और सुधारगष्ह को स्थापित करने का सबसे मुख्य कारण यह है कि इन साधनों से षहर के बड़े व धनी लोगों को तीसरे स्वर्गदूत के संदेश के लिये बुलाये जायें। इस बात का ध्यान रखते हुये कि ये भोजनालय पहले वाले सामान्य भोजनालयों से बिलकुल भिन्न तरह से चलाये जाते है। बुद्धिमान लोग इस अंतर को देखकर पूछताछ जरूर करेंगे कि इस प्रकार के तरीके का कारण क्या है ? तब उन्हें उस जाँच से पता चलेगा वह मुख्य सिद्धान्त जो उन्हें सबसे बढ़िया भोजन के परोसे जाने के लिये प्रेरित करेगा। इस प्रकार वे उस ज्ञान की ओर अग्रसर होंगे जो वर्तमान समय का संदेश है। (टेस्टमनीज फॉर द चर्च- 7:122, 123) ChsHin 179.4