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उच्च स्तर बरकरार रखना ChsHin 182

अनेक लोग परमेश्वर का काम करने योग्य कुशल हैं किन्तु काम कम करते है, क्योंकि परिश्रम व प्रयास ही नहीं करते। हजारों जीवन जीते और मर जाते हैं, जिन्हें जीवन का मकसद पता ही नहीं होता, जीवन का काम उन्हें किस ऊँचाई तक पहुँचा सकता है, पता ही नहीं होता। इसका एक कारण है किवे अपनी स्वयं की महत्ता कम आंकते हैं। प्रभु यीशु ने हममें से हर एक के लिये बहुत बड़ी कीमत चुकाई है। और जो कीमत चुकाई गई है,उसके एवज में वह चाहता है कि हम अपने जीवन का महत्त्व समझें। (गॉस्पल वर्क्स — 291) ChsHin 182.4

पथ्वी पर के अपने जीवन में प्रभु यीशु एक ईमानदार व जीवन भर अपने काम में संलग्न रहें, दिन-रात काम में लगे रहे। उन्होंने ज्यादा परिश्रम किया क्योंकि वे सर्वोच्च परिणाम चाहते थे। (द डिज़ायर ऑफ एजेज़- 72) ChsHin 182.5

जो परमेश्वर के काम में जुटे हुये हैं, उन्हें एक ऐसे अनुभव कि जो ऊँचा, गहरा और इतना चौड़ा हो, जिसके समान अब न किसी ने न सोचा और पाया। अभी भी अनेक जो परमेश्वर के एक बड़े परिवार के सदस्य हैं, कम जानते हैं कि प्रभु की महिमा करना क्या होता है? और न ही यह जानते कि महिमा से महिमा में बदलना क्या है ? बहुतों के पास प्रभु यीशु की समझ की हल्की सी रौशनी है, और उससे ही उनके जीवन खुशी से उछल पड़ते है और वे चाहते हैं कि जल्दी ही उद्धारकर्ता के प्रेम को अधिक गहराई और परिपूर्णता से प्राप्त कर सकें। काष कि इन सब की ये इच्छायें परमेश्वर में पूरी हो जायें। (गॉस्पल वर्क्स — 274) ChsHin 183.1

हमारे उपदेशक, चिकित्सक, शिक्षक और वे सब अन्य जो प्रभु के सेवक होने का काम करते हैं उनके लिये मेरे पास एक संदेश है। परमेश्वर चाहता है, कि हर एक अपना स्तर ऊँचा करे, पवित्रता का एक ऊँचा स्तर। तुम्हें एक ऐसा अनुभव प्राप्त करना चाहिये जो षायद अभी तक तुमने पाने के बारे में सोचा ही नहीं होगा। अनेक जन परमेश्वर के इतने महान व बड़े परिवार के सदस्य हैं, फिर भी यह जानते ही नहीं कि प्रभु की महिमा पाना क्या है ? और महिमा से महिमा में बदलना क्या है ? और तुममें से कुछ लोगों को प्रभु की अद्भुत ज्योति का आभास भी हो चुका है, जिससे उनकी आत्मा आनन्द से झूम उठती है। तुम प्रभु के संपूर्ण गहरे और अद्भुत प्रेम को पाने के लिये उत्साही हो। तुम असंतुश्ट जरूर हो किन्तु निराष न हो। प्रभु यीशु को अपने हृदय से संपूर्ण प्रेम और पवित्र स्नेह दो। प्रभु की ज्योति की हर एक किरण को संभालकर रखो। परमेश्वर की इच्छा सर्वोपरि रखो और अपनी इच्छा बाद में। अपने आप को धार्मिक विचारों और पवित्र वचनों से परिपूर्ण करो। वह तुम्हें सुबह की पहली किरण जो उसकी महिमा बिखेरती है, उससे देखता है। जैसे-जैसे तुम प्रभु को जानने लगते हो, तुम्हें पता चलता है कि वह तुम्हारे आगे-आगे चलता है। “एक धर्मी का मार्ग भोर की रौशनी की तरह है। जो दिन का पूरा उजाला होने तक चमकती है।” अपने पापों की क्षमा मांगने के बाद पछताने के बाद और क्षमा प्राप्त कर लेने के बाद हमें प्रभु यीशु के बारे में जानना जारी रखना है। जब तक की हम दिन-दुपहरी तक संपूर्ण सुसमाचार के विश्वासी न हो लें। (टेस्टमनीज फॉर द चर्च — 8:318) ChsHin 183.2