क्योकि ये संघर्श कभी खत्म नहीं होने वाला, इसलिये कोई इसे अकेले नहीं लडेगा। जो प्रभु के साथ नम्रता से चलते है, स्वर्गदूत उनकी रक्षा करेगें, जो उसमें भरोसा रखते है, प्रभु उन्हें कभी निराश नहीं करेगा। जैसे ही उसके बच्चे शैतान से बचने के लिये उसके पास आते है, वह उन पर दया और प्रेम से शैतान के विरूद्ध उन्हे ऊपर उठाता है। ” उन्हे छुना नहीं ” वह कहता है, क्योकि ये मेरे हैं। ” मैने इन्हें अपनी हथेली पर खोद रखा है ” । (प्रोफेट्स एण्ड किंग्स 571) ChsHin 229.3
वे जो धार्मिकता के लिये प्रताडित किये जाते है , स्वर्ग उनके अत्यंत करीब है। प्रभु यीशु मसीह अपना स्वभाव अपने वफादार लोगों के स्वभाव से पहचानते है। उसके संतो के दुख में वह दुखी होता है, और जो उसके चुने हुओं को छूता है, उसे छूता है। वह सामर्थ जो शारीरिक हानि या निराशा से बचाने के लिये पास होती है, वह सामर्थ बडे खतरों और शैतान से छुडाने के लिये भी पास ही होती है। उस प्रभु के सेवक के लिये यह संभव बनाती है कि प्रभु के साथ अपनी संगति अपनी एकता हर परिस्थिति में बनाये रखे । (प्रोफेटस एंड किग्स 545) ChsHin 230.1
शायद ही कभी ऐसा हुआ होगा कि प्रभु में अपनी कलीसिया के लोगों की तकलीफों को भुला दिया या शैतान के द्वारा की गई हानि पर ६ यान न दिया हो । प्रभु कभी नहीं भूलता। संसार में कोई अन्य वस्तु उसके हृदय के करीब नहीं है, जितनी कि उसकी कलीसिया, इसके लोग। ये उसकी इच्छा नहीं कि सांसारिक योजना उसके रिकार्ड को बिगाड़े। वह अपने लोगों को शैतान के जाल में फसने के लिये छोड़ नहीं देता। वह उन्हें दंडित करेगा जो उसकी छवि को धूमिल करते है। किन्तु उन पर अपनी करूणा करता है, जो पूरे मन से उसके पास क्षमा प्राप्त करने आते है। पूरी तरह अपने पापो से पश्चाताप करते है । (प्रोफेट्स एंड किंग्स 590) ChsHin 230.2