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बीज बाने के लिये बुद्धिमान बागवान की आवश्यकता ChsHin 251

कामगारों को तैयार करो कि वे चौड़े-चौड़े राजमार्गों और गलियों में निकल जाये। हमे बुद्धिमान बागवानों की आवश्यकता है जो वचन का बीज हर एक बस्ती में जाकर बोयें और उनका पोषण करें कि वे वर्षद्ध करे। ये लोगों की सम्मति से किया जाने वाला काम है कि प्रभु के लोगों को अपने-अपने संभाग से अलग स्थानों पर जाना चाहिये । एक सेना तैयार की जाये, जो नये-नये तरीकों से भूमि तैयार करें ताकि प्रभाव वाले नये केन्द्र स्थापित किये जा सके। जहाँ भीउनके खोले जाने की संभावना है। उन कामगारों को इकट्ठा करो जिनमें सुसमाचार प्रचार करने की सच्ची आत्मा और जोश हो। उन्हें दूर-दराज और आस-पास के इलाकों में भेज दो ताकि प्रभु की ज्योति व प्रभु का ज्ञान फैला सके। (टेस्टमनीज फॉर द चर्च 9:118) ChsHin 251.4

अनेक बड़ी कलीसियाओं के लोग अन्य की अपेक्षा कुछ नहीं कर रहे है। वे एक जगह इकट्ठा होने के बदले, आस-पास के ऐसे स्थानों में फैल जायें जहॉ सच्चाई का आगाज ही नहीं हुआ है। इकट्ठे लगाये हुये पेड़ कभी फलते नही है। वह बागवान के द्वारा इस तरह रोपे जाते है कि उन्हें बढ़ने के लिये जगह मिले। और पर्याप्त जगह न मिलने की वजह से वे छोटे और बिमार न हो जायें। यही नियम हमारी बड़ी कलीसियाओं पर भी लागू होता है। कई लोग इसी कारण से आध्यात्मिक मौत से मर रहे है। जहाँ वचन के प्रचार की जरूरत है। वे लोग भी बिमार तथा आत्मिक रूप से अयोग्य हैं। यदि उन्हें वहाँ से हटाकर उस स्थान पर रोपा जायें, जहाँ वे बढ़ सकते है। ताकतवर हो सकते और सामर्थ पा सकते हैं। (टेस्टमनीज फॉर द चर्च 8:244) ChsHin 252.1