यदि कलीसिया के सामान्य जन भी यदि जाग्रत होते और प्रभु के इस काम को जितना वे कर सकते हैं, करें, इस कार्य को युद्धस्तर पर करने के लिये अपने आप को सामने लायें, और प्रत्येक ये देखे कि प्रभु यीशु के लिये आत्माओं को जीतने का काम पूरा कर सकते हैं। हम देखेगें कि बहुत से लोग शैतान के ऊँचे स्थानों को छोड़ कर प्रभु यीशु के झंडे के तले आयेंगे । यदि लोग इन निर्देश के रूप में दिये गये की रौशनी में होकर कार्य करेंगे। तो हम अवश्य ही प्रभु का उद्धार देखने पायेंगे। अद्भुत परिवर्तन देखने को मिलेगा। पापी अपने पापों से फिर जायेंगे और अनेक आत्मायें कलीसिया से जुड़ जायेगी। (टेस्टमनीज फॉर द चर्च 8:246) ChsHin 252.2
हमारी कलीसिया के सदस्यों को घरेलू सेवकाई और बाहरी विदेशी सेवकाई दोनों में गहरी रूचि महसूस करना चाहिये। उन्हें बड़ी आशिषे मिलेंगी, यदि वे आत्म-बलिदान कर स्वेच्छा से नये इलाकों में सत्य का मान बढ़ाने का काम करते है। इस क्षेत्र में खर्च किया गया धन उनके लिये बड़ी आशिषे लायेगा। नये विश्वासी वचन की रौशनी पाकर खुशी से झूम उठेगें और उनकी बारी आने पर वे भी अपने साधनों को उपयोग सच्चाई की मशाल से दूसरों को रौशनी करेंगे। (टेस्टमनीज फॉर द चर्च 9:49) ChsHin 253.1
उन क्षेत्रों में जहाँ परिस्थितियाँ अनुकूल न होकर प्रतिरोधक और कठिन है। जिससे लोग वहाँ जाना पंसद ही नहीं करते वहाँ पर यदि ये विशेष लोग अपनी स्वेच्छा से प्रयास करें, तो उद्धार कार्यकर्ता काफी काम पूरा कर सकते है, क्योंकि वे धीरजवंत लगातार प्रयास करने वाले मनुष्य की ताकत पर नहीं परन्तु प्रभु पर भरोसा रखते क्योंकि वही उनकी सहायता करता है। और ये सामान्य नम्र लोग जो काम पूरा करेंगे जो भलाई से पूर्ण हैं, जगत के लोग कभी भी जानने न पायेंगे। (टेस्टमनीज फॉर द चर्च 7:22, 23) ChsHin 253.2