परमेश्वर सामान्यतः कोई अदभुत काम उसकी सच्चाई को आगे बढाने के लिये नही करता। यदि खेत का मालिक ही खेत को फसल के लिय तैयार करने से इंकार करता है, तो परमेश्वर अच्छे परिणाम पाने के लिये कोई आश्चर्य कर्म नहीं करता। वह कुछ महान सिद्धान्तों के अनुसार काम करता है, जो हमें बता दिये गये गये है। और हमारा काम यह है कि हम समझदारी से उपयुक्त योजना बनाये और काम में लग जाये, तब प्रभु अपने साधनों द्वारा निश्चित परिणाम लायेगा। वे जो पहले से लिये गये निर्देषों के अनुसार परिश्रम नहीं करते किन्तु केवल प्रतिक्षा करते है कि पवित्र आत्मा उन्हें उक सायेगा। और तब वे काम करेंगे ऐसो का भाग अंध कार है वे नाष होगें। तुमे सिर्फ बैठकर कुछ नहीं कर प्रभु का काम कैसे कर सकते हो? (द सदर्न वॉचमेन 1 दिसम्बर 1903) ChsHin 305.2
कुछ लोग हैं जो प्रचार कार्य करने मे कमजोर हैं, घबराने वाले है, उन्हें आगे बढ़ाने की आवष्यकता है। उनके पास वह सकारामात्मक सोच रखने वाला चरित्र नहीं है, जो उन्हें कुछ करने की षक्ति प्रदान करे। वह आत्मा और ऊर्जा जो जोष को जगाये है, ही नहीं। वे जो जीत हासिल करते हैं, उन्हें साहसी और आषावादी होना जरूरी है। उन्हें नकारात्मक गुणों की नहीं बल्कि सकारात्मक गुणों की भी वृद्धि करना चाहिये। (गॉसपल वर्क्स 290) ChsHin 305.3
परमेष्वर को ऐसे कार्यकर्ताओं की जरूरत है जो प्रभु यीषु के विजीय क्रूस को ऊँचा उठाये। (द रिव्यू एण्ड हैरालड 6 मई 1890) ChsHin 305.4
निश्क्रिय और निर्जीव वचनों का उच्चरण संदेष दिया जाना नहीं होता किन्तु स्पश्ट निर्णायक और मन को कायल करने वाला उच्चारण ज्यादा प्रभावकारी संदेष है। (टेस्टमनीज फॉर द चर्च 8:16) ChsHin 305.5
इस समाचार को देने वालों को प्रख्यात व्याख्यान देने वाला होने की जरूरत है। किन्तु सच्चाई की एक-एक बिन्दु की उचित व्याख्या की जानी चाहिये। क्रियाषील पुरूशों की जरूरत है, पुरूष जो मन लगाकर परिश्रम कर सकते जिनके पास असीमित ऊर्जा कलीसिया को षुद्ध करने में लगेगी, औश्र जगत को चितौनी देने के लिये भी। (टेस्टमनीज फॉर द चर्च 5:187) ChsHin 306.1
परमेष्वर के पास आलसी पुरूशों के लिये काम नहीं है, वह चाहता है समझदार, दयालु, स्नेही तथा ईमानदार, व्यक्ति इस काम को करें। (टेस्टमनीज फॉर द चर्च 4:411) ChsHin 306.2