प्रभु यीशु ने कहा था कि पवित्र शक्ति की ताकत उसके चेलों के साथ अंत तक रहेगी। किन्तु इस वायदे को उस तरह नहीं सराहा गया, जिस प्रकार होना चाहिये था। इसीलिये पवित्र आत्मा से परिपूर्णता उसके चेलों में दिखाई नहीं दी, जैसी दिखाई देना थी। पवित्र आत्मा के बारे में ज्यादा ध्यान नहीं दिया गया, इसका परिणाम नहीं हुआ जो सोचा जा सकता है, धार्मिकता की कमी आध्यात्मिक अंधकार, धार्मिकता का पतन और मृत्यु। छोटी बाते भी ध्यान देने योय होती है। स्वर्गीय शक्ति जो कलीसिया की बढ़ोत्तरी के लिये अत्यंत आवश्यक है, वहीं कलीसिया को आगे बढ़ाती है। यही अपने साथ अन्य आशिषों को भी एक के बाद दूसरी लेकर आती है, किन्तु इन सब की कमी है, जब कि यह भरपूरी से प्राप्त की जा सकती है। (टेस्टमनीज फॉर द चर्च 8:21) ChsHin 324.3