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अंतिम वर्षा को प्रतिक्षा में बैठे कुछ आलसी लोग ChsHin 325

कुछ ऐसे भी हैं, जो वर्तमान सुअवसरों को बुद्धिमता पूर्वक सुधार लाने के बदले, बेकार किसी विशेष समय जब उन पर आत्मिक वर्षा होगी जो उन्हे तरो ताजा करेगी, और तब वे दूसरों को वचन की रौशनी करेंगे। वे केवल प्रतिक्षा कर रहे हैं। वास्तव में ऐसे लोग वर्तमान में अपने कर्तव्यों और अवसरों को नकार देते और इस प्रकार अपनी रौशनी को कम कर देते हैं जब वे उस समय की प्रतिक्षा करते है। किन्तु उस बीच कोई काम नहीं करते, जिससे कि उस विशेष आशिष को प्राप्त कर सकें, जिसके द्वारा वे बिल्कुल बदल जायेंगे और सेवा करने के योग्य होंगे। (द एक्ट्स आफै अपॉसल्स 54) ChsHin 325.1