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एक प्रसन्नता पूर्ण स्वागत ChsHin 345

सुनो, उन लोगो का स्वागत किस अनुग्रहकारी तरीके से होता है, जिन्होने इस जीवन में प्रभु यीशु के काम सहयोग किया, यह मानकर कि यह एक सुअवसर हौ, एक सम्मानीय काम है, उसके लिये पीडा सहना। और वे जो उद्धदार पा चुके, उन्हें जिन्होने उन्हें उपर उठाकर प्रभु यीशु से मिलाया वे उसका अभिवादन करेंगे। वे एक जूट हाकेर उस की प्रशंसा करेंगा। जो उनके लिये मर गया ताकि सम्पूर्ण मानव जाति उस जीवन को पाये जो प्रभु यीशु के जीवन के तुल्य हो। वह संघर्ष समाप्त हो गया। सब कलेश वे दुख खत्म हो गये। विजय का गीत पूरे जगत में गूंज रहा और जैसे उद्धार पाये हुये परमेश्वर के सिंहासन के चारो और खडे है। सबके सब उस खुशी के गीत योग्य केवल तू निष्कलंक मेमना जो हमारे लिये बलिदान हुआ। ओर सब प्रभु उद्धार को देखेगे। (द मिनिस्ट्री ऑफ हीलिग —506,507) ChsHin 345.2

यदि लेखा यह दिखता है कि उनाक जीवन इस प्रकार का रहा है जिसमें उनका चरित्र- उदारता, स्वयं का इंकार, दूसरों की भलाई के काम, आदि गुणो से पूर्ण पाया जाये, तो वे प्रभु यीशु मसीह से आशिषित, निश्चयता के साथ ये भी सुनेंगें। “शाबास आओं मेरे पिता के धन्य लोगों उस राज्य में प्रवेश करो जो तुम्हारे लिये सषष्ट को प्रारंभ होने के समय से तैयार रखा है।” (टेस्टमनीज फॉर द चर्च -3:525) ChsHin 345.3