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नौजवान कलीसिया के काम में कार्यरत ChsHin 40

ऐसे नवयुवक एवं युवतियाँ जो बुद्धिमान, समझदार, संस्कार से पूर्ण तथा पूर्ण प्रशिक्षित हैं, कलीसिया के काम के हैं। ऐसे नौजवान अपनी उफनते हुये जोश में कुछ न कुछ अवश्य करते है, बषर्ते कि इनकी ताकत व जोश को एक नई और सही दिशा दी गई हो। यदि एक नौजवान दूसरे नौजवान का इस्तेमाल करता है तो अपनी स्वयं की धार्मिकता को नश्ट करता है, और अपने साथियों के लिये भी घातक सिद्ध होता है। (गॉस्पल वर्कर्स- 211) ChsHin 40.1

जब नौजवान अपना हृदय परमेश्वर को देते हैं, तब हमारी जिम्मेदारी वहीं खत्म नहीं हो जाती, बल्कि बढ़ जाती है। उन्हें प्रभु के काम में रूचि रखना चाहिए, उन्हें अगुवाई कर के तथा उनसे ये अपेक्षा करके की वे प्रभु के लिये आगे होकर काम करें। ये दिखाना काफी नहीं है कि क्या कुछ करने की आवश्यकता हैं, किन्तु उनसे विनति करें कि वे अपना कर्त्तव्य निभायें। उन्हें सिखाया जाना चाहिये कि वे अपने प्रभु के लिये कैसा परिश्रम करें। उन्हें पूरी तरह से प्रशिक्षित, अनुशासित, कर्त्तव्य परायण होना चाहिए, जिससे वे प्रभु यीशु के लिये आत्माओं को जीत सकें। उन्हें सिखायें कि वे षांत मन से कोशिश करें तथा अपने साथियों को दिखावे के लिये नहीं किन्तु वास्तविक रूप से मद्द करें। प्रचार कार्य के सारी अलग-अलग षाखाओं का व्यवस्थित रूप से प्रयास हो, जिसमें वे हिस्सा ले सकें तथा स्वयं भी निर्देश दें, मद्द करें। इस प्रकार वे परमेश्वर का काम करना सीखेंगे। (गॉस्पल वर्कर्स- 210) ChsHin 40.2