ऐसे कई नौजवान हैं, जो दानियल की तरह उनके यहूदी घर में पाले—पोसे जा रहे है। वे परमेश्वर का वचन का अध्ययन करते, उसके काम के बारे में पढ़ते, ईमानदारी से सेवा करने का पाठ सीखते ताकि आगे चलकर लोगों की सभाओं, न्यायालयों, राजाओं के दरबारों में प्रभुओं के प्रभु और राजाओं के राजा की गवाही देने को उठ खड़े हों। (एजूकेशन- 262) ChsHin 41.3