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स्वर्गीय आंखो की जरूरत ChsHin 52

कलीसिया के लोगों को अपनी आँखों को स्वर्गीय काजल से अभिशिक्त करना होगा ताकि वे अपने चारों और के लोगों की जरूरत को देख सके और वचन का प्रकाश उन तक पहुँचाने परमेश्वर लगातार लोगों को बुला रहा है कि वे चौड़े व सकरे मार्गों पर निकल जाए, गली-कूचो, सड़कों के किनारे से लोगों को बरबस पकड़ कर ले आयें। कि उसका घर भर जाये यहाँ तक की हमारे घरों के अंदर ऐसी बहुत सी आत्मायें हैं। जिनमें हमने रूचि नहीं दिखाई कि वे भी सोचने पर मजबूर हो जायें कि हम भी उनके बचाये जाने में रूचि रखते है। ये काम तो हमारे हाथों में हमारे करीब ही है, जिसे परमेश्वर चाहता है कि पूरी कलीसिया इसकी जिम्मेदारी अपने ऊपर ले लें। हमें खड़े होकर ये नहीं कहना है कि मेरा पड़ोसी कौन है? हमें याद रखना है कि ह रवह व्यक्ति जिसे हमारी मद्द और सहानुभूति की जरूरत है, वही हमारा पड़ोसी है। हर वह व्यक्ति, जो हमारे विरोधी पैतान के द्वारा सताया गया और घायल किया गया है, हमारा पड़ोसी है। हर व्यक्ति जो प्रभु का धन है, हमारा पड़ोसी है। जिन लोगों को प्रभु यीशु ने हमारा पड़ोसी ठहराया था, यहूदियों ने उन विशेष स्तरों को ठुकरा दिया। अब कोई क्षेत्रीय बंधन, बनावटी रूकावटें, जाति, धर्म अथवा वर्ग ऊँचा और नींच बाकी नहीं रहा। (टेस्टमनीज फॉर द चर्च- 6:294) ChsHin 52.1