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आत्मिक- षक्तिहीनता ChsHin 51

ढेरसारी रौशनी का पुंज, यहोवा परमेश्वर के लोगों के ऊपर चमकाया गया है, किन्तु बहुतों ने इस रौशनी को फैलाने से इंकार किया है। और यही कारण है कि वे आत्मिक रूप से मरते जा रहे कमजोर पड़ते जा रहे हैं। लोगों के नाश होने का कारण “ज्ञान की कमी नहीं है, वे लोग जो मार्ग, सत्य और जीवन, जो प्रभु यीशु में मिलता है, को नहीं जानते वे दोशी ठहराये नहीं जायेंगे। वह सत्य जो उनको समझाया गया, वह रौशनी (वचन) उनकी आत्मा पर चमकाई गई किन्तु उन्होंने उसे नकार दिया, अनदेख किया इसके कारण वे नाश किये जायेंगे। वे लोग नाश नहीं होगे जिन्हें वह रौशनी मिली ही नहीं किवे उसका इंकार करते। क्या-क्या प्रभु के दाख की बारी के लिये किया जा सकता था ? और क्या किया गया ? रौशनी वचन की रौशनी जो पाप के अंधकार को दूर करने वाली अद्भुत रौशनी प्रभु के लोगों को दी गई। पर जब तक वे ये मान नहीं लेते कि प्रभु ही उन्हें बचा सकता है, तब तक वे बचाये नहीं जा सकेंगे। उन्हे वचन की सच्चाई में जीवन बिताना होगा वचन का प्रचार-प्रसार अंधकार को रौशन करने के लिये करना होगा, तभी उद्धार संभव है। (टेस्टमनीज फॉर द चर्च- 2:123) ChsHin 51.4