क्योंकि कुछ लोग काम का बोझ उठाने के लिये तैयार ही नहीं है, जबकि वे उसे हल्का कर सकते थे। अतः जो प्रभु के काम को ईमानदारी से करने में लगे हैं, उन पर ये बोझ बढ़ता जा रहा है। उन्हें लगता है कि बहुत काम है करने के लिये इसलिये वो अपने को और बोझिल कर लेते हैं, इसीलिये थक कर चूर हो रहे हैं। (टेस्टमनीज फॉर द चर्च- 2:645) ChsHin 60.2