बहुत से लोग जो स्वयं को परमेश्वर के सच्चे भक्त कहते हैं और इन अंत के दिनों में सच्चाई में विश्वास करने वाले कहते हैं, वे ही आखिर में स्वर्ग के योग्य नहीं ठहराये जायेंगे। उन्होंने अधिक महत्व की बातों का ध्यान ही नहीं दिया। उनका बदलाव ऊपरी दिखावा है, दष्ढ़ गहरा और पूर्णरूप से नहीं है, इन्हें ये नहीं पता कि ये सच्चाई में विश्वास क्यों करते है? षायद इसलिये क्योंकि दूसरे लोग परमेश्वर पर विश्वास करते और ये भी मान लेते हैं कि यही सत्य है। उनके विश्वास करने का कोई ठोस व सही कारण ये नहीं दे सकते. दसरे लोग इन को या इनके विश्वास को देखकर प्रभावित नहीं होते, न ही इनका कोई अनुभव प्रभावकारी होता और न ही इनके पास सत्य का वो ज्ञान है किवे उसे कर्त्तव्य समझ कर प्राप्त कर सकें। सामर्थ और दष्ढ़ता, सच्चे हृदय, सरल हृदय वाले लोगों में हैं जो वाकई में वचन को समझते और उस पर चलते हैं। (टेस्टमनीज फॉर द चर्च- 2:634) ChsHin 60.3