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नाटक का अंतिम दष्श्य ChsHin 66

इस संदेश को अधिक प्रभावशाली तरीके से लोगों को बताना वर्तमान समय, जिन्हें हम अंतिम दिन कहते है, में अधिक आवश्यक है। जगत इस समय ज्यादा से ज्यादा उन्हीं व्यर्थ की बातों में, जिन्हें परमेश्वर ने व्यर्थ ठहराया है, लवलीन हो गया है। मनुश्य बुराई करने में निर्लज्ज हो गया है, जगत के लोगों की बुराई से पूरा संसार भर गया है। पष्थ्वी पाप से इस तरह भर गई है कि परमेश्वर किसी भी समय पष्थ्वी को नाशकर देने वाले को अपना काम करने की अनुमति दे देगा। इस जगत के अंतिम दष्श्य में परमेश्वर की आज्ञा के बदले मनश्यों का कानन नाम धराई, बडप्पन, केवल मानव अधिकार और आखिरकार बाइबल के अनुसार सांतवा दिन सब्वत का विश्राम के बदले रविवार विश्रामवार होगें। जब ये सब बदलाव पूरी दुनिया में हो जायेंगें, तब परमेश्वर अपनी मनसा पूरी करेगा। वह अपने सिंहासन से उठेगा और तभी पष्थ्वी कांप उठेगी। वह स्वर्ग से उतरेगा, जगत के निवासियों को उनके पापों का दण्ड देने के लिये भूमि उन लोगों के खून के लिये चिल्ला उठेगी और उनके हत्यारों को छुपा न रखेगी। वरन् कुछ भी ऐसा नहीं जो सामने नहीं लाया जायेगा। (टेस्टमनीज फॉर द चर्च- 7:141) ChsHin 66.2