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परमेश्वर की बचाने वाली आत्मा का वापस लौट जाना ChsHin 69

परमेश्वर की बचाने वाली आत्मा भी अब जगत से उठा ली गई है, समुद्री तूफान, आँधी, आग, बाढ़ आदि जमीन और समुद्र से आने वाले विनाश एक के बाद दूसरा आते चले जा रहे हैं। विज्ञान इन सबका जवाब खोज रहा है, सारे चिन्ह जो बाइबल के अनुसार बताये गये हैं, कि प्रभु यीशु की आमद के पूर्व क्या-क्या होगा, चारों ओर दिखाई दे रहे हैं, मनुश्य प्रभु के उन स्वर्गदूतों को नहीं रोक सकते, जो परमेश्वर की आज्ञा अनुसार चारों दिशाओं की हवा को थामे हुये है। वे हवायें तब तक नहीं चलेगी जब तक परमेश्वर के लोगों को छाप न लग जाये। किन्तु जब परमेश्वर उन हवाओं के छोड़े जाने का आदेश देंगे तब जो विनाश पथ्वी पर होगा, उसे कोई लिखने भी नहीं पायेगा, क्योंकि सब के सब नाश हो जायेंगें। (टेस्टमनीज फॉर द चर्च- 6:408) ChsHin 69.1

जिन दिनों में हम रहे है वे बड़े गंभीर किन्तु महत्वपूर्ण दिन है। प्रभु का आत्मा धीरे-धीरे पष्थ्वी से हटाया जा रहा है और जल्द ही वह पूरी तरह से हटा लिया जायेगा। परमेश्वर की दया का तिरस्कार करने वालों पर महामारियाँ और न्याय का कार्य पहले प्रारंभ हो चुका है। ज़मीन और समुद्र से विपदायें, समुदायों की अव्यवस्थित दशा, युद्धों का संकट आने लगा है। ये सभी संसार पर आने वाली सबसे विनाशक घटना का प्रारंभ है। षत्रु की ताकतें इकट्ठा होकर संघठित हो रही हैं, वे भी शक्तिशाली षक्तियाँ उस अंतिम संकट के लिये तैयार हो रही हैं, बड़ी परिवर्तन पूरे विष्व में जल्दी ही होंगे। और अंतिम घटनायें भी एक के बाद दूसरी घटित होंगी। (टेस्टमनीज फॉर द चर्च- 9:11) ChsHin 69.2

एक ऐसा समय जो बहुत करीब है जब लोग ऐसे दुख से दुखित होंगे जिसको कोई मनुश्य दूर नहीं कर पायेगा। क्योंकि परमेश्वर का आत्मा उनसे दूर हो गया है। समुद्र एवं जमीन से उठने वाले खतरे एक के बाद एक आने वाले हैं। कितनी बार हम भू—कम्प और समुद्री तूफान, आग एवं बाढ़ से होने वाले विनाश, जिसमें अनेक मष्प्यु को प्राप्त होते और सम्पत्ति का नुकसान होता है। इन सब का कारण प्रकत का अव्यवस्थित व अनैतिक तरीके से किये गया दोहन है। प्राकतिक षक्ति द्वारा किया गया विनाश मनुश्य की सामर्थ से परे है। मनुश्य उसको काबू नहीं कर सकता, किन्तु इन सब के होने से परमेश्वर के मकसद का पता लगता है। ये सब इन माध्यमों के बीच में हैं, जिनके द्वारा परमेश्वर स्त्री व पुरूशों को आने वाले खतरे के प्रति सचेत करता है। (प्रोफेट्स एण्ड किंग्स- 277) ChsHin 69.3