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पाप का संक्रमण ChsHin 70

हम पाप के द्वारा फैले संक्रमण के बीच में रहते है। जहाँ पर हर परमेश्वर का भय मानने वाले और वचन की समझ रखने वाले हर कहीं सहमे से खड़े हैं। जिस प्रकार से भ्रश्टाचार चारों ओर फैला है, उसका बखान करना मुश्किल है। मनुश्य कितना गिर गया है, ये षब्दों द्वारा बयान नहीं किया जा सकता, हर दिन नये-नये राजनैतिक पैंतरें, घूसखोरी, धोखे बाजी व घोटाले सामने आते हैं, हर दिन हृदय को दुखी करने वाले हिंसा से भरी वारदातें, अन्याय, मनुश्यों की अलग व घातक बिमारियाँ एवं मनुश्य का सर्वनाश करने वाले तत्व सामने आते हैं। प्रतिदिन हत्या, आत्महत्या, उन्माद व पागलपन के मामले सुनने को मिलते हैं, कौन षक कर सकता है कि इन सब के पीछे पैतान की षक्ति एवं उसके अनुयायी, परमेश्वर के लोगों के बीच में परमेश्वर से अलगाव, दुश्ट व बुरे विचार तथा षरीर को अपवित्र तथा नाश करने की पूरी कोशिश में लगे हुये हैं। ChsHin 70.2

एक छत्र अधिकार करने की चाह हर एक राश्ट्र में घुस चुकी है, समय दर समय अन्य सामरिक षक्तियाँ संसार को दहला देने को तैयार रहती है और संकेत देती है कि लोगों की यह चाह कभी भी संसार को आग से खत्म कर देने, कानून की परवाह न करते हुये यदि अपने आप पर काबू न रखते हुये कोई ऐसा कदम न उठा ले जिससे सम्पूर्ण पृथ्वी हाहाकार से भरकर पूर्णरूप से एकान्त में बदल जायेगी, जहाँ मानवता का नामो निशान न होगा। वह दृश्य जिससे हम उत्साहित हो सकते है, एक ऐसा दृश्य जो बिना जीवन का होगा, पृथ्वी पर जीवन खत्म हो जायेगा। बहुत जल्द ही पृथ्वी इस स्थिति तक तेजी से पहुंचने वाली है, आज की षताब्दी में अभी भी मसीही देशों में, प्रबुद्ध लोगों में ऐसे गुनाहों को अंजाम दिया जा रहा है जो परमेश्वर की नजरों में घृणित है। ऐसे गुनाह जिनके कारण प्राचीन जगत के गुनाहगार नाश हो गये, बाढ़ आने से पहले परमेश्वर ने नूह को जगत के लोगों के पास भेजा था, लोगों को चिताने के लिये कि वे पश्चाताप के लिये तैयार हो और बाढ़ से होने वाले विनाश से बच जायें। ठीक उसी प्रकार प्रभु यीशु के दूसरे आगमन के पूर्व भी परमेश्वर अपने दासों को संसार के लोगों को एक चेतावनी के साथ उस महान घटना के होने के लिये तैयार करने को भेजता है। करोड़ों लोग परमेश्वर उन्हें अपनी दया के कारण उसकी पवित्र आज्ञाओं को मानने के लिये बुलाता है। वे सब जो अपने पापों के लिये पष्चाताप करें, परमेश्वर से मांगे और प्रभु यीशु में विश्वास रखें तभी वे क्षमा प्राप्त कर सकते हैं। (पेट्रिएक्स एण्ड प्रोफेट्स- 102) ChsHin 70.3

जगत में पाई जाने वाली वस्तुओं की बुरी दशा यह दर्शाती है कि परेशानियों से भरा समय हमारे ऊपर आने ही वाला है। दैनिक समाचार पत्रों में भी आये दिन ऐसी भयानक विपदाओं से भरे हये होते है। जो निकट भविश्य में होने वाले हैं , भारी-भरकम लूट लगातार हो रही हैं। हड़ताल होना सामान्य बात है। कोने-कोने में चोरियाँ और हत्यायें की जा रही है। पैतान के जाल में फंसे लोग स्त्री, पुरूशों एवं छोटे-छोटे बच्चों की जान ले रहे हैं। मनुश्य मूर्खता से भर गया है और उसमें पैतानी खूबियाँ बस गई है। (टेस्टमनीज फॉर द चर्च- 9:11) ChsHin 71.1