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आत्मिक रूप से निश्क्रिय ChsHin 138

अभ्यास करने से ताकत आती है, वे सभी जो परमेश्वर की दी हुई योग्यता का सही उपयोग करते हैं, उनकी योग्यतायें और बढ़ाई जायेंगी ताकि वे उसे प्रभु की सेवा में लगा सकें। वे जो प्रभु के लिये कोई काम नहीं करते, वे प्रभु की महिमा में बढ़ने में नाकायाब होंगे और सच्चाई का ज्ञान भी नहीं बढ़ेगा। एक व्यक्ति जो सिर्फ सोता रहे और अपने अंगो को व्यायाम करने से रोके रहे, तो जल्दी ही उसके सारे अंग काम करना बंद कर देंगे। वह उनकी षक्ति खो देगा। अतः वह व्यक्ति जो ईश्वर के द्वारा दी हुई षक्ति का उपयोग नहीं करता वह प्रभु में बढ़ने में असफल होता और अपनी षक्ति खो देता है और आत्मिक रूप से निश्क्रिय हो जाता है। ये वे लोग हैं जो प्रभु यीशु के प्रेम और उनके संगी-साथियों के प्रेम में होने के कारण उनकी मद्द करने के लिये लालायित होते वे ही सुदृढ़ होते, विश्वास में जड पकडते और सच्चाई में आधार प्राप्त करते हैं। एक सच्चा मसीह परमेश्वर का काम किसी प्रभाव में आकर नहीं किन्तु सिद्धान्त के कारण करते है। एक दिन या एक महीना नही किन्तु जीवन भर वह काम करते है। (टेस्टमनीज फॉर द चर्च — 5:393) ChsHin 138.5