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एक निश्चित उपाय ChsHin 139

उन टूटे पिसे हुये मन वालों के लिये एक निश्चित उपाय है, विश्वास प्रार्थना और कार्य परमेश्वर पर भरोसा और कार्य संतोश एवं निश्चितता लायेंगे, जो प्रतिदिन बढ़ती जायेगी। क्या आप कभी उतेजना से भरी अहसास या पूरी तरह से निराषा भरी भावना से पीड़ित रहे हैं? अंधकार से भरे दिनों में जब कुछ अहसास बहुत डरावने महसूस होते है तो डरना नहीं परमेश्वर में विश्वास रखे उसे तुम्हारी चिंता है। उसके पास सारी ताकत है, उसका अगे प्रेम और सारी सामर्थ और सहानुभूति कभी कम नहीं होती। डरो मत कि वह अपने वायदे पूरे करने में पीछे होगा। वह अनन्त सच्चाई है। वे जो उससे प्रेम रखते उनसे जो वाचा उसने बांधी है, वह कभी फिरेगा नहीं और वह उन पर आशिशों की बारिश करेगा. जो उसके वफादार सेवक है, उनकी जरूरतों को देखते हुये वह सारी मांगे पूरी करते हुये उनको पर्याप्त आशिशें देगा। (प्रोफेट्स एण्ड किंग्स- 164, 165) ChsHin 139.1

केवल एक उपाय है, उन आत्मिक आलसी लोगों के लिये और वह है, काम, आत्माओं की खोज में वे जिन्हें तुम्हारी मद्द की जरूरत है। (टेस्टमनीज फॉर द चर्च — 4:236) ChsHin 139.2

यह उपाय है जो प्रभु यीशु के उन मन के कमजोर लोगों के लिये बताया है जो कांपने, घबराने वाली, संदेह करने वाली, आत्मायें है। ऐसे दुःखी लोगों को संसार के दुःखी लोगों के पास भेजो उठो और उन लोगों की मद्द करो जिन्हें तुम्हारी मद्द की जरूरत है।(टेस्टमनीज फॉर द चर्च — 6:266) ChsHin 139.3

वे मसीही जो लगातार ईमानदारी, जोश, काम करने का जज्बा और प्रभु के प्रेम में बढ़ते जा रहे हैं, वे कभी पीछे नहीं हटेंगे। (द रिव्यू एण्ड द हैरल्ड — 07 जून 1887) ChsHin 140.1

कुछ ऐसे भी हैं जो इस निस्वार्थ सेवा में लगे नहीं होते और ऐसे बुरे अनुभवों से ग्रसित होते है, जिसके साथ संघर्श करते हुये संदेह, बुड़बुड़ाहट, पाप करना फिर क्षमा मांगना आदि में पड़े रहते और इतने त्रस्त हो जाते हैं कि सत्वी धार्मिकता का अर्थ समझ नहीं पाते और न तो संसार के होते और न ही स्वर्गीय राज्य के। वे केवल स्वर्ग के बाहर खड़े निराष, ईर्ष्या से भरे, जलन रखने वालों की भीड़ में होते हैं। और फिर वे केवल गलतियाँ ढूँढ़ना और अपने साथियों को गलत व झुठी बातों से भरमा देते है। उनके पास कोई आशा, विश्वास और प्रभु की रौशनी नहीं पाई जाती जो, उनके धार्मिक जीवन में होना चाहिए। (द रिव्यू एण्ड हैरल्ड- 02 सितम्बर 1890) ChsHin 140.2