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आगे बढ़ों ChsHin 143

कभी-कभी मसीही जीवन में खतरे आते हैं और अपना काम करना कठिन हो जाता है। सोचकर देखें तो आगे विनाश नज़र आता है और पीछे देखें तो पापकी कैद और उसकी मजदूरी, मष्यु दिखाई देती हैं। फिर भी परमेश्वर की आवाज साफ सुनाई देती है, “आगे बढ़ो।” आओ हम उस आदेश का पालन करें, जबकि हमारी देखने की षक्ति इतनी नहीं कि अंध रे को भेद सके। हमारी उन्नति के मार्ग मे आने वाली रूकावटें, बाधायें कभी खत्म नहीं होंगी, यदि काम करने वालों का जोश कम हों या वे खतरों के डर से ठहर जायें या अपने आप पर संदेह करने लगे। वे जो आज्ञा को टाल देते जब तक कि प्रत्येक अनिश्चितता गायब हो जाती और हार या असफल होने का कोई डर नहीं होता, तब तक वे आज्ञा नहीं मानते। विश्वास परेषानियों को नहीं देखता। किन्तु अनदेखी वस्तुओं पर भरोसा रखता है, यहां तक कि सर्व शक्तिमान पर भी, अतः वो तो कभी घबरा ही नहीं सकता। प्रभु यीशु के हाथ को थामे रखना ही भरोसा है, चाहे कोई भी आपातकालीन परिस्थिति क्यों न हो? (गॉस्पल वर्कर्स — 262) ChsHin 143.1

हमारे विचार अधिकतर बहुत संकीर्ण होते हैं, परमेश्वर बुलाता है कि उसकी रौशनी को जगत में फैलाने का काम लगातार आगे बढ़ाना है। हमें उसके लिये अधिक उपयोगी और सही तरीको का अध्ययन करना व साधनों का प्रयोग कर लोगों तक पहुँचना है। हम अपने कानों से अपने कप्तान का जो सेना का सेनापति है आदेश, सुनना चाहते हैं, “आगे बढ़ो।” हमें काम करना है और प्रभु हमें कभी छोड़ेगा नहीं, वह अपना काम अवश्य करेगा। जब हम भी अपना कर्त्तव्य निभायेंगे। भाईयों और बहनों, जो काफी समय से परमेश्वर में भरोसा रखते हो, तुमने अभी तक वह काम नहीं किया जो प्रभु आपसे चाहता था। आत्माओं को बचाने का आपका वह प्रेम कहां गया ? (हिस्टॉरिकल स्केचेज़ — 289, 290) ChsHin 143.2

ये प्रभु का आनन्द है, आत्माओं को बचाना, यही काम और यही आनन्द व खुशी आपकी भी हो। अपने कर्त्तव्य पूरे करो और प्रभु के लिये जो भी बलिदान कर सकते हो, वो करो। और वह तुम्हारी लगातार मद्द करेगा जब भी आपका कर्त्तव्य आपको बुलाता है, आगे बढ़ जाओं कांटे भी रूकावट तुम्हारा रास्ता न रोके। अपने प्रभु की दी हुई, जिम्मेदारियों को पूरा करो। और यदि अपनी जिम्मेदारियों के बोझ से दबकर अपने भाई को देखकर यह मत पूछो कि “मेरा भाई क्यों काम नहीं करता ? उसके ऊपर काम का बोझ क्यों नहीं है? अपना काम अपने आसपास के लोगों में करो, काम अच्छे से करो, केवल प्रशंसा पाने के लिये नहीं किन्तु अपने प्रभु के लिये क्योंकि तुम उसके अधीन हो। (द सदर्न वॉचमेन — 02 अप्रैल 1903) ChsHin 144.1

परमेश्वर के लोगों का काम आगे और आगे बढ़ना चाहिये, हमेशा जीत की ओर । इस्त्राइल की सेना का अगुवा यहोवू से भी बढ़कर है, वह हमारे बीच में है। हमें उद्धार दिलाने वाला हमारा कप्तान, जिसने हमें उत्साहित करने के लिये कहा है, “देखो, मैं हमेषा तुम्हारे साथ हूँ। यहां तक की जगत के अंत तक मैं तुम्हारे संग हूँ।” “धीरज धरो मैंने संसार को जीत लिया है।” वह हमारी अगुवाई एक निश्चित जीत पाने तक करेगा, जो परमेश्वर ने वायदा किया है उसके पूरा करने के लिये वह हर समय योग्य है। और जो काम वह अपने लोगों को देता है, उसे करने के लिये भी वहीं योग्य बनाता है। (टेस्टमनीज फॉर द चर्च — 2:122) ChsHin 144.2

हम प्रभु यीशु की आत्मा से भरपूर क्यों नहीं हो जाते? अभी तक हम इस दुःखी संसार को चिल्लाहट से दुःखी क्यों नहीं हुये? क्या हमें इस बात का आभास है कि हमें यीश के ताज में तारा लगाने का प्रतिश्ठित काम करने का अवसर प्राप्त हुआ है। एक आत्मा जो पैतान के चंगुल से छूट कर प्रभु के राज्य में हमेषा का जीवन पा सकता है। हमारी कलीसिया को इस बात को जानना चाहिये कि हर एक आत्मा को प्रभु का वचन और संदेश सुनाया जाना अवश्य है। मैं आपसे विनती करती हूँ कि आप जकर्याह का तीसरा और चौथा अध्याय पढ़ें, यदि आप इन्हें समझते हैं, यदि आप उस संदेश को प्राप्त करते हैं, तो उन लोगों को जो वचन के भूखे और प्यासे हैं प्रभु की धार्मिकता के प्यासे हैं। उनके लिये यह काम हो जायेगा कि वे भी आयें, आगे बढ़ें और विजयी हों। (टेस्टमनीज फॉर द चर्च — 6:296) ChsHin 144.3

इस पष्थ्वी के अनेक लोगों ने अपनी सारी भक्ति षैतान को सौंप दी है। लेकिन हमें धोखा नहीं हुआ है। ऐसा लगता है कि पैतान लोगों पर हावी है, किन्तु प्रभु यीशु ने स्वर्ग और पष्थ्वी दोनों की जिम्मेदारी ले ली है। परमेश्वर का वचन दिखाता है कि बुराई, भ्रश्टाचार और दुश्टता संसार के अंतिम दिनों में चरम सीमा पर होगी। जैसा हम देखते हैं, सारी भविश्यवाणियाँ पूरी हो रही है, हमारा विश्वास आखिरकार प्रभु यीशु की राज्य की स्थिरता और अंतिम विजय को दर्शाता है। अतः हमें आगे बढ़कर अपने कर्त्तव्य को पूरा करना है। (गॉस्पल वर्कर्स — 26, 27) ChsHin 145.1